अर्थशास्त्र से संबंधित – 162
Q. What is meant by public expenditure? Discuss the objectives of public expenditure. Definition – “The expenditure incurred by the central, state, and local governments are called public expenditure.” Through public expenditure, the central, state, and local governments carry out the economic and social development of the country. public expenditure objectives 1. Economic development – At present, the first goal of the governments of all countries is to develop the country’s economic development so that national income and per capita income can increase. 2. To do peace, security, and justice – The government makes public expenditures in the areas of police and military, etc. to protect the borders of the states and the country, etc. 3. Eliminating economic disparities – The government makes a public expenditure for providing facilities like free education, medical, housing, food, ration, etc. to improve the standard of living of the poor sections of the country. 4. Social Security – Through public expenditure, the state governments provide social security to the people in many ways. Such as sickness insurance, old age pension, disability assistance, unemployment allowance, etc. 5. Increase in employment – The government tries to increase employment in the country through public expenditure. For this, along with the development of industries, they make plans for multifaceted development. 6. Expansion of Social Services – Provides social services like rail, post and telegram, transport, medical, etc. in the country through public expenditure. =========== ============== ================ प्र0 -सार्वजनिक व्यय से क्या अभिप्राय है ? सार्वजनिक व्यय के उददे्श्यों की विवेचना कीजिए। परिभाषा – “केन्द्रीय, राज्य तथा स्थानीय सरकारों के द्वारा किए जाने वाले व्यय को सार्वजनिक व्यय कहते है.” सार्वजनिक व्यय के माध्यम से केन्द्रीय, राज्य तथा स्थानीय सरकारों देश का आर्थिक तथा सामाजिक विकास कार्य करती है. सार्वजनिक व्यय के उददे्श्य 1. आर्थिक विकास – वर्तमान समय में सभी देशों की सरकारों का प्रथम लक्ष्य होता है देश का आर्थिक विकास करना जिससे राष्ट्रीय आय तथा प्रति व्यक्ति आय में वृद्वि हो सके. 2. शान्ति, सुरक्षा तथा न्याय करना – सरकार राज्यों तथा देश की सीमाओं की रक्षा आदि करने के लिए पुलिस तथा सैनिक आदि क्षेत्रों में सार्वजनिक व्यय करती है. 3. आर्थिक विषमताओं को समाप्त करना – सरकार देश के निर्धन वर्गों के लोगों का जीवन-स्तर सुधारने के लिए निःशुल्क शिक्षा, चिकित्सा, आवास, भोजन तथा राशन आदि की सुविधाएँ देने के लिए सार्वजनिक व्यय करती है. 4. समाजिक सुरक्षा – सार्वजनिक व्यय के माध्यम से राज्य सरकारें लोगों को कई प्रकार से सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती है। जैसे बीमारी बीमा, वृद्धावस्था पेंशन, विकलांग सहायता, बेरोजगारी भत्ता आादि. 5. रोजगार में वृद्वि करना – सरकार सार्वजनिक व्यय के माध्यम से देश में रोजगार में वृद्वि करने का प्रयास करती है। इसके लिए वे उद्योगों का विकास के साथ बहुमुखी विकास की योजनाएँ बनाती है. 6. सामाजिक सेवाएँ का विस्तार – सार्वजनिक व्यय के माध्यम से देश में सामाजिक सेवाएँ जैसे रेल, डाक व तार, यातायात, चिकित्सा आदि को प्रदान करती है.
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