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शिशु संरक्षण दिवस

शिशु संरक्षण दिवस हर वर्ष  7 नवंबर को मनाया जाता है. इस दिवस का उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और देखभाल के महत्व को उजागर करना है. इस दिन का आयोजन बच्चों के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए किया जाता है, ताकि वे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और सुरक्षित रह सकें।

शिशु संरक्षण दिवस के मौके पर विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएं कार्यशालाओं, सेमिनारों और अभियान के माध्यम से माता-पिता और समाज के लोगों को बच्चों के पोषण, टीकाकरण, शिक्षा और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करती हैं. इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है, ताकि वे एक उज्जवल भविष्य के निर्माण में अपना योगदान दे सकें.

शिशु संरक्षण दिवस का महत्व इस बात में है कि यह समाज को यह याद दिलाता है कि बच्चों का समुचित विकास और संरक्षण केवल एक परिवार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि पूरी समाज और राष्ट्र की जिम्मेदारी है.

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Child Protection Day

 

Child Protection Day is celebrated every year on 7 November. The purpose of this day is to highlight the importance of children’s health, safety, and care. This day is organized to increase society’s awareness of children so that they can remain physically and mentally healthy and safe.

On the occasion of Child Protection Day, various government and non-government organizations make parents and people of society aware of the nutrition, vaccination, education and rights of children through workshops, seminars and campaigns. Its main objective is to provide a healthy and safe environment to the children so that they can contribute to the creation of a bright future.

The importance of Child Protection Day lies in the fact that it reminds society that the proper development and protection of children is not only the responsibility of a family but the responsibility of the entire society and nation.

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