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दरार एक फैमली ड्रामा-1
पंडित जी के हृदय परिवर्तन के बाद, ‘गंगा निवास’ में फिर से खुशियाँ लौट आईं. परिवार के सदस्यों के बीच…
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दरार एक फैमली ड्रामा-1
धीरे-धीरे, मनोरमा देवी के धैर्य और रिया के प्रेम ने परिवार के बीच जमी बर्फ को पिघलाना शुरू कर दिया।…
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दरार एक फैमली ड्रामा-1
इस पारिवारिक कलह के बीच, एक पुराना रहस्य धीरे-धीरे सामने आने लगा. कई साल पहले, पंडित सूर्य नारायण श्रीवास्तव का…
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दरार एक फैमली ड्रामा-1.
समय बीतता गया, लेकिन पंडित जी का रिया के प्रति व्यवहार नहीं बदला. वे उससे औपचारिक बातें तो करते थे,…
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दरार एक फैमली ड्रामा-1.
बनारस की संकरी गलियों में, गंगा के किनारे बसा ‘गंगा निवास’ सदियों से श्रीवास्तव परिवार का घर रहा था। इस…
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धुप-छांव -15.
“तेरे मौन की बाँसुरी” “कभी कहा नहीं, पर तुझसे ज़्यादा कोई आवाज़ नहीं बनी” चुप्पी में जब तू गूंजा था,…
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धुप-छांव -14.
रात का वह क्षण जहाँ बाहर सब शांत है, पर भीतर कोई पुकार चल रही है. अर्पिता खिड़की के पास…
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धुप-छांव -13.
आईने में लौटा चेहरा “आईने कभी चेहरा नहीं दिखाते, वे भाव लौटाते हैं—जैसे कोई भूली हुई आवाज़ स्मृति में फिर…
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धुप-छांव -12.
चौपाल की टूटी खाट और बचपन की चीख़ें “जो खाट अब नहीं बोलती, वही सबसे ज़्यादा सुनती है.” गाँव की…
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धुप-छांव -11.
दादी की रसोई में बचा हुआ हंसी का टुकड़ा “स्मृति का सबसे स्वादिष्ट हिस्सा वह होता है जो कभी थाली…
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