story
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धूर्त और स्वार्थी बेटा
कुछ वर्ष बीत गए. सुरेश शहर में खूब फला-फूला, उसकी संपत्ति बढ़ती गई, पर उसका हृदय और कठोर होता गया.…
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धूर्त और स्वार्थी बेटा
गंगा किनारे बसा छोटा सा गाँव था, शांति और स्नेह की छाया में लिपटा हुआ. इस गाँव में रामलाल और…
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बेजुबान के चोचलें….
एक दिन, राम खेलावन बीमार पड़ गया. वह बिस्तर से उठ भी नहीं पा रहा था. गौरी उसके पास बैठी…
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बेजुबान के चोचलें….
समय बीतता गया। कालू अब बड़ा हो गया था और एक मजबूत बैल बन गया था. ठाकुर सूरज सिंह ने…
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बेजुबान के चोचलें….
गौरी और कालू का बंधन दिन-ब-दिन मजबूत होता गया. वे दोनों अक्सर एक साथ घूमते, खेलते और एक-दूसरे को अपनी…
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बेजुबान के चोचलें…
गौरी की बेचैनी देखकर राम खेलावन समझ गया कि कुछ गड़बड़ है. गौरी कभी बेवजह नहीं रंभाती थी. उसने गाँव…
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बेजुबान के चोचलें…
गौरी के शांत जीवन में एक हलचल मचाने वाला किरदार था – कालू, गाँव के ठाकुर सूरज सिंह का काला,…
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बेजुबान के चोचलें….
गंगा किनारे बसा छोटा सा गाँव, मधुपुर, अपनी शांत और धीमी गति वाली ज़िंदगी के लिए जाना जाता था. यहाँ,…
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फटी चादर और फैलता पैर…
एक संयुक्त परिवार था जिसमें दादाजी, उनके तीन बेटे और उनके परिवार साथ रहते थे. दादाजी के पास एक पुरानी,…
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फटी चादर और फैलता पैर…
लक्ष्मी एक गरीब बुनकर महिला थी। उसके पास एक पुरानी, फटी हुई चादर थी जिसे उसने खुद बुना था. वह…
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