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“प्रेम या पागलपन?”
अस्पताल की खिड़की से झाँकता सच नलिन मनोरोग वार्ड की खिड़की के शीशे पर अपनी सूखी उंगलियों से गायत्री का…
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इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी
स्थान: – मनोरोग अस्पताल का ECT रूम, सुबह 5:30 बजे धुँधली लाइट्स, मेटलिक बेड की ठंडक, एंटीसेप्टिक की गंध प्रक्रिया…
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गायत्री का कठिन निर्णय
स्थान: – अस्पताल की छत, सूर्यास्त का समय हवा में उड़ते पीले पत्ते और दूर कहीं बजती शहनाई की धुन…
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मनोचिकित्सक की रिपोर्ट
स्थान: – डॉ. मल्होत्रा का मनोचिकित्सक क्लीनिक, सुबह 10:47 बजे दीवार पर टंगी पिकासो की विकृत पेंटिंग “द वीपिंग वुमन”…
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“प्रेम या पागलपन?”
नलिन का बाथरूम, रात के 3:17 बजे, मौसम-: बाहर बारिश की मूक बौछारें, भूतकाल की छाया, टूटे हुए शीशे के…
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अधूरा इलाज
शारीरिक स्वास्थ्य बनाम मानसिक अशांति- नलिन शारीरिक रूप से ठीक हो चुका था- लीवर फंक्शन टेस्ट नॉर्मल आया, डॉक्टरों ने…
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सच्चे प्यार की वापसी
अस्पताल में जागृति- नलिन की आँखें खुलीं तो गायत्री का चेहरा धुंधला सा दिखाई दिया. वह समझ नहीं पा रहा…
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विरह का दर्द
नलिन का नशाखोरी से आत्मघात तक… गायत्री के जाने के बाद, नलिन का जीवन अंधकारमय गलियारों में भटक गया. वह…
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गलत राह और बिछड़न
नलिन का अंधकारमय स्पाइरल, गायत्री से झगड़े के बाद नलिन ने खुद को “डार्क लाउंज” के बार में पाया-जहाँ उसके…
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प्यार और मनमुटाव…
तीन महीने बीत चुके थे. नलिन और गायत्री अब नियमित मिलते थे—कैफे में, लाइब्रेरी में, कभी-कभी रात के अंधेरे में…
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