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मानसिक वेदना…
कार्यालय पहुँचकर विकाश ने अपने चेहरे पर एक हल्की मुस्कान लाने की कोशिश की. रिसेप्शन पर बैठी मालती ने उसका…
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मानसिक वेदना…
विकाश की सुबह हमेशा धुंधली होती थी, मानो रात की बची हुई उदासी अभी भी हवा में तैर रही हो.…
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अंतर्द्वंद्व के साये
वर्षों बाद, अवनि अपनी पोती के साथ बैठी उसे अपनी कहानी सुना रही थी. उसकी पोती बड़ी उत्सुकता से सुन…
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अंतर्द्वंद्व के साये
अवनि और आर्यन की शादी की तैयारियाँ धूमधाम से शुरू हुईं. अवनि का घर खुशियों से भर गया था. माँ…
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अंतर्द्वंद्व के साये
झील के किनारे बिताया गया वह दिन अवनि और उसके परिवार के लिए एक नया मोड़ साबित हुआ. उस दिन…
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अंतर्द्वंद्व के साये
आर्यन का प्यार अवनि के लिए एक नया आत्मविश्वास लेकर आया. अब वह अपनी भावनाओं को और भी खुलकर व्यक्त…
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अंतर्द्वंद्व के साये
माँ की चुप्पी अवनि के लिए एक अनिश्चितता भरी स्थिति थी. न तो उन्होंने उसकी बातों को नकारा था और…
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अंतर्द्वंद्व के साये
अवनि अपने कमरे की खिड़की पर बैठी बाहर देख रही थी. सुबह की पहली किरणें पत्तों से छनकर उसके चेहरे…
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अंतर्द्वंद्व के साये…
यह एक उपन्यास है. अवनि नामक युवती की कहानी है जो अपने ही परिवार के सदस्यों के व्यवहार से गहरी…
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अभिमान…
कालिदास बोले :- माते पानी पिला दीजिए बड़ा पुण्य होगा. स्त्री बोली :- बेटा मैं तुम्हें जानती नहीं. अपना परिचय…
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