story
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गलियों का शहर और उड़ता गुबार …
हस्तलिपि के सत्य को जानने के बाद आलोक का मन शांत हो गया था, पर उसके सामने एक नई चुनौती…
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गलियों का शहर और उड़ता गुबार …
सीढ़ी से नीचे उतरते ही आलोक को हवा में एक बदलाव महसूस हुआ. यह केवल नम नहीं थी, बल्कि उसमें…
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गलियों का शहर और उड़ता गुबार …
आलोक के पास अब एक योजना थी. उसे उस मिट्टी की नर्तकी को खोजना था. लेकिन कहाँ? अगर पुरोहित वासुदेव…
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गलियों का शहर और उड़ता गुबार …
आलोक वापस पुरोहित वासुदेव के खंडहर वाले घर की सुरंग में पहुँचा. उस पतली दरार को देखकर उसके मन में…
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गलियों का शहर और उड़ता गुबार …
आलोक ने टॉर्च की रोशनी में कक्ष को फिर से ध्यान से देखा. धूल का ढेर इतना विशाल था कि…
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गलियों का शहर और उड़ता गुबार …
सुरंग के मुहाने पर खड़ा आलोक हिचकिचाया. अंदर का अंधेरा इतना घना था कि अपनी हथेली भी नहीं दिख रही…
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गलियों का शहर और उड़ता गुबार …
आलोक ने उस बूढ़े व्यक्ति को धन्यवाद कहा और गुपचुप गली में आगे बढ़ गया. हर कदम पर, उसे लगता…
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गलियों का शहर और उड़ता गुबार …
अंबरपुर की गलियाँ एक भूलभुलैया थीं. इतनी पुरानी, इतनी संकरी कि सूरज की रोशनी भी उनमें से मुश्किल से झाँक…
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सुरमई शाम…
समंदर किनारे वह शाम कुछ अलग थी। लहरों की आवाज़ में कोई अनकहा गीत था, हवा में घुलती धुन जो…
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सुरमई शाम…
वृद्ध व्यक्ति अपनी कांपती उंगलियों से तस्वीर को कसकर पकड़ रहा था. उसकी आँखें भावनाओं से भरी थीं—जैसे कोई भूली-बिसरी…
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