Apni Baat
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सभ्यता और संस्कृति में विकृति: डिजिटल दुनिया…
डिजिटल संसार एक ‘दर्पण’ भी है और एक ‘छलनी’ भी। यह हमारी संस्कृति को विकृत भी कर सकता है और…
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गुलाब पर कमल हुआ भारी…?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कमल ने गुलाब पर भारी जीत दर्ज की है. एनडीए ने निर्णायक बढ़त बनाते हुए…
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आखिर कौन..?
इतिहास गवाह है कि, बिहार की चुनावी राजनीति हमेशा से ही जटिल और अप्रत्याशित रही है. यहाँ हर चुनाव में…
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पाटने की बजाय खोदने का नाम है राजनीति..?
राजनीति, जिसे अक्सर ‘जनसेवा’ और ‘लोक कल्याण’ का माध्यम कहा जाता है. राजनीति का मूल उद्देश्य समाज में समरसता, न्याय…
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वन्दे मातरम् का विरोध पहले भी आज भी…?
“वन्दे मातरम्” महज़ एक राष्ट्रिय गीत ही नहीं, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महामंत्र रहा है. बंकिम चंद्र चटर्जी…
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क्या ट्रंप की नीतियों ने किया…अमेरिका का बेडा गर्क?
अमेरिका फर्स्ट का नारा देने वाले डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों, खासकर उनकी टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने के फैसलों का अमेरिका…
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जातीय अंकगणित हुआ फेल: – बिहार चुनाव 2025
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान संपन्न हो चुका है, और प्रारंभिक विश्लेषण से यह स्पष्ट संकेत…
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क्यूँ मर जाती है संवेदनाएं…?
भारतीय रेल नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है और यह नेटवर्क देश की जीवन रेखा…
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जातिवाद, मकड़जाल और विकास – भारत
भारत एक ऐसी विशाल और जटिल सामाजिक-आर्थिक प्रयोगशाला है, जहाँ सदियों पुरानी सामाजिक संरचनाएँ आधुनिक विकास के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों से…
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लोकआस्था का पर्व है छठ…
छठ पर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारतीय लोकजीवन की गहराइयों में रचा-बसा एक सांस्कृतिक और सामाजिक अनुभव है.…
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