
करेला…
करेला एक कड़वा स्वाद वाला फल है, जो अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. यह भारत, एशिया और अफ्रीका सहित दुनिया के कई हिस्सों में उगाया जाता है. इसे कई नामों से जाना जाता है जैसे कारवेल्लक, कारवेल्लिका, करेल, करेली और काँरले. इसे अंग्रेजी में Bitter Gourd कहते हैं. करेला का वैज्ञानिक नाम है Momordica Charantia (मोमोर्डिका चारेंटिया). करेले का उपयोग सदियों से पारंपरिक चिकित्सा में विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है.
करेला एक उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय लता है जिसके फलों की कई तरह सब्जी, आचार और औषधी (दवाई) बनाने में प्रयोग किया जाता है. इसका जन्म पुरानी दुनिया के उष्ण क्षेत्र अफ्रीका और चीन माने जाते हैं. करेले को कुकरबिटेसी (Cucurbitaceous) कुल के मोमोर्डिका चरंशिया (Momordica Charantia) के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है. आमतौर पर इसका रंग हरा होता है, इसकी सतह पर उभरे हुए दाने होते हैं और इसके अंदर के बीज का रंग उजला होता है लेकिन, पक जाने पर करेला का रंग पीला और बीजों का रंग लाल हो जाता है. भारत में इसकी जंगली जातियाँ आज भी उगती हुई देखी गयी हैं. करेला विभिन्न आकर के पाए जातें हैं जबकि, इसकी चाइनीज वेरायटी 20-30 सेंटीमीटर लंबी होती है और इसका रंग पीला होता है.
करेला विटामिन सी, विटामिन ए, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट का एक अच्छा स्रोत है. इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम और फोलेट सहित कई खनिज भी होते हैं.
करेले में कई औषधीय गुण होते हैं, जिनमें: –
- करेले की तासीर ठंडी होती है साथ ही यह पचने में हल्का होता है. यह पाचन क्रिया को ठीक करने में मदद करता है और भूख को बढाता है. करेले में कार्बोहाइडेट, प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन व वसा और विटामिन ए, सी भी पाया जाता है.
- करेला रक्तशोधक होता है और त्वचा के रोगियों के लिए लाभकारी होता है. इसके फल या पत्तियों को पीसकर लगाने या पीने से त्वचा रोग दूर हो जाते हैं. अगर आप चर्म रोगों से परेशान हैं तो इसके रस में थोड़ी सी शहद मिलाकर पीने से रक्त (ब्लड) साफ़ हो जाता है.
- करेले की पत्तियों को पीसकर लगाने से त्वचा आकर्षक और सुंदर हो जाती है.
- करेले में पाया जाने वाला खनिज और विटामिन शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है साथ ही कैंसर से भी लड़ने में मदद करता है.
- करेला रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है. यह इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार और ग्लूकोज के उत्पादन को कम करके काम करता है.
- करेले में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं. यह कैंसर, हृदय रोग और अन्य पुरानी बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है.
- करेला सूजन को कम करने में मदद कर सकता है. यह गठिया, अस्थमा और अन्य सूजन संबंधी बीमारियों के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है.
- करेले में एंटीवायरल गुण होते हैं, जो वायरस से लड़ने में मदद कर सकते हैं. यह एचआईवी, हर्पीज और अन्य वायरल संक्रमणों के इलाज में मदद कर सकता है.
- करेले में कैंसर रोधी गुण होते हैं। यह कैंसर कोशिकाओं के विकास को धीमा करने और कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है.
- करेला कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है. यह हृदय रोग के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है.
- करेला पाचन स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकता है. यह कब्ज, दस्त और अन्य पाचन समस्याओं के इलाज में मदद कर सकता है.
- करेला वजन घटाने में मदद कर सकता है. यह कैलोरी में कम और फाइबर में उच्च होता है, जो आपको भरा हुआ महसूस कराने में मदद कर सकता है.
- करेला त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकता है. यह मुंहासों, एक्जिमा और अन्य त्वचा समस्याओं के इलाज में मदद कर सकता है.
- करेला रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है. यह विटामिन सी और एंटीऑक्सिडेंट का एक अच्छा स्रोत है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं.
- करेले के रस में हींग मिलकर पीने से पेशाब खुलकर आता है.
- करेले के रस में शहद मिलाकर पीने से पथरी गल कर पेशाब के रास्ते निकल जाती है.
- करेले के पत्तों के रस में शक्कर मिलाकर पीने से खूनी बवासीर में आराम मिलता है.
- करेले के पत्तों को पीसकर इससे आग से जले हुए घावों पर लगाने आराम मिलता है.
- सिरदर्द होने पर करेले के रस का लेप लगाने से आराम मिलता है.
- मुंह में छाले होने पर करेले के रस में फिटकरी मिलाकर कुल्ला करने से मुंह के छले ठीक हो जाते हैं.
ध्यान दें: –
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को करेले का सेवन नहीं करना चाहिए.
- करेले का सेवन करने से रक्त शर्करा का स्तर कम हो सकता है, इसलिए मधुमेह रोगियों को अपने रक्त शर्करा के स्तर की निगरानी करनी चाहिए.
- करेले का सेवन करने से कुछ लोगों में मतली, उल्टी और दस्त जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं.
करेला जितना कड़वा होता है यह उतना ही गुणकारी भी होता है. बड़े करेले के वनिस्पत छोटा करेला ज्यादा गुणकारी होता है.करेले के फल ही नहीं इसकी पत्तियों का प्रयोग औषधी के रूप में किया जाता है. करेला कई बीमारियों को दूर भगाने में मदद करता है. हालांकि, करेले का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और यदि आपको कोई दुष्प्रभाव होता है तो तुरंत अपने चिकित्स्क से मिलें.