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एक सफर…

चट्टान से मुकाबला - एकता की शक्ति

भूमिगत गुफा की शांत झील को पार करने के बाद, जलक और उसकी साथी बूँदें फिर से एक धारा में शामिल हो गईं. लेकिन इस बार, धारा पहले से ज़्यादा तेज़ और अधिक उग्र थी. ऐसा लग रहा था जैसे गुफा के शांत वातावरण के बाद, पानी अब तेज़ी से अपनी मंज़िल की ओर बढ़ना चाहता हो.

धारा घुमावदार रास्ते से गुज़र रही थी, और अचानक, उनके सामने एक बड़ी बाधा आ गई – एक विशाल चट्टान जो पूरे रास्ते को अवरुद्ध कर रही थी. यह चट्टान खुरदरी और ऊँची थी, मानो किसी प्राचीन दैत्य ने अपना हाथ फैलाकर पानी का रास्ता रोक दिया हो.

पानी का तेज़ बहाव चट्टान से टकराया, और धारा दो हिस्सों में बँट गई. कुछ बूँदें चट्टान के ऊपर से एक पतली परत के रूप में फिसल गईं, जैसे कि वे किसी मुश्किल चढ़ाई को धीरे-धीरे पार कर रही हों. वहीं, दूसरी ओर, कुछ बूँदें चट्टान के निचले हिस्से की ओर मुड़ गईं, जहाँ एक अंधेरी और संकरी जगह दिखाई दे रही थी.

जलक उन बूँदों में से थी जो नीचे की ओर मुड़ी थीं. यह रास्ता बहुत तंग और अँधेरा था. चट्टान के दोनों ओर की दीवारें इतनी करीब थीं कि पानी को निकलने के लिए बहुत कम जगह बची थी. जलक को डर लगने लगा. ऊपर से बह रही उसकी साथी बूँदें अब दिखाई नहीं दे रही थीं, और इस संकरे रास्ते में वह अकेली महसूस कर रही थी.

लेकिन जल्द ही, उसने महसूस किया कि वह अकेली नहीं है. उसके आस-पास और भी कई बूँदें थीं, जो उसी मुश्किल रास्ते से गुज़रने की कोशिश कर रही थीं. वे सब एक-दूसरे से टकरा रही थीं, एक-दूसरे को सहारा दे रही थीं.

इस तंग रास्ते में, हर बूँद को अपनी जगह बनानी थी, चट्टान की खुरदरी सतह से रगड़ खानी पड़ रही थी. पानी का दबाव बढ़ रहा था, और ऐसा लग रहा था जैसे वे कभी भी फंस सकते हैं. लेकिन किसी तरह, हर बूँद अपनी जगह बनाए रखने और आगे बढ़ने की कोशिश कर रही थी.

जलक ने महसूस किया कि जब वे सब एक साथ मिलकर आगे बढ़ रहे हैं, तो उनमें एक सामूहिक शक्ति आ रही है. एक बूँद अकेली शायद इस बाधा को पार नहीं कर पाती, लेकिन जब वे सब मिलकर दबाव डाल रही थीं, तो चट्टान के संकरे रास्ते से धीरे-धीरे निकलने में सफल हो रही थीं.

अंधेरा और भी गहरा हो गया, और रास्ता और भी तंग. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. हर बूँद ने अपनी पूरी ताकत लगाई, एक-दूसरे का साथ दिया, और धीरे-धीरे, इंच दर इंच, वे उस संकरे मार्ग को पार करते गए.

अंततः, वे उस अंधेरी सुरंग से बाहर निकल आए, और खुद को चट्टान के दूसरी ओर पाया. वहाँ, ऊपर से फिसलकर आई हुई उनकी साथी बूँदें पहले से ही इंतज़ार कर रही थीं. सभी बूँदें मिलकर फिर से एक धारा बन गईं, और उन्होंने महसूस किया कि इस मुश्किल मुकाबले में उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण सीखा है – एकता की शक्ति और मुश्किलों का सामना करने का साहस.

जलक ने महसूस किया कि अकेली एक छोटी सी बूँद शायद इस चट्टान से हार मान लेती, लेकिन साथ मिलकर, उन्होंने एक बड़ी बाधा को पार कर लिया था. यह अनुभव उसे हमेशा याद रहेगा.

शेष भाग अगले अंक में…,

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