
लम्बी और घुमावदार सुरंग से गुज़रने के बाद, जलक और उसकी साथी बूँदें अचानक एक ऐसे स्थान पर पहुँच गईं जहाँ अंधेरा कुछ कम हो गया था. आगे का रास्ता खुल गया, और उन्होंने खुद को एक विशाल भूमिगत गुफा में पाया. यह कोई साधारण गुफा नहीं थी; यह धरती के गर्भ में छिपा हुआ एक अद्भुत संसार था.
गुफा इतनी बड़ी थी कि उसकी छत ऊपर अँधेरे में कहीं खोई हुई लग रही थी, जैसे कोई विशालकाय प्राकृतिक गुंबद हो. दीवारों पर अजीबोगरीब आकृतियाँ बनी हुई थीं, कहीं नुकीले पत्थर ऊपर की ओर निकले हुए थे, तो कहीं चिकनी और गोल चट्टानें थीं जिन पर पानी की नमी चमक रही थी.
इस गुफा का मुख्य आकर्षण एक विशाल भूमिगत झील थी, जिसका पानी गहरा और शांत था, किसी बड़े नीले आईने की तरह. सुरंग से बहती हुई धारा इसी झील में समा रही थी, और झील से आगे, दूसरी ओर, पानी फिर से एक धारा के रूप में बहता हुआ दिखाई दे रहा था.
गुफा की छत से लगातार पानी की बूँदें टपक रही थीं. ये बूँदें जब झील के शांत पानी पर गिरती थीं, तो एक मधुर और लयबद्ध ध्वनि पैदा होती थी, जैसे किसी प्राकृतिक ऑर्केस्ट्रा का धीमा और रहस्यमय संगीत बज रहा हो. यह आवाज़ गुफा की शांति में गूँजती थी, एक अद्भुत माहौल बनाती थी.
जलक ने इस नए संसार में कई ऐसे जीव देखे जो उसने पहले कभी नहीं देखे थे. झील के गहरे पानी में कुछ अजीब तरह की मछलियाँ तैर रही थीं, जिनकी त्वचा लगभग पारदर्शी थी और उनकी आँखें नहीं थीं. वे अपनी अन्य इंद्रियों के सहारे धीरे-धीरे इधर-उधर घूम रही थीं. दीवारों पर छोटे-छोटे कीड़े चिपके हुए थे, जो मंद हरी या नीली रोशनी उत्सर्जित कर रहे थे, जैसे कि वे अंधेरे में चमकते हुए छोटे तारे हों.
यह धरती के नीचे का संसार बिल्कुल शांत और अलग था. यहाँ सूरज की रोशनी नहीं पहुँचती थी, हवा स्थिर थी, और जीवन एक अलग ही लय में चल रहा था. जलक को ऐसा लग रहा था जैसे वह किसी खोई हुई दुनिया में आ गई हो, एक ऐसा रहस्य जो धरती की सतह के नीचे छिपा हुआ था.
गुफा की शांति और सुंदरता ने जलक को मंत्रमुग्ध कर दिया. उसने कुछ देर के लिए अपनी यात्रा की तेजी को भुला दिया और इस अद्भुत स्थान के आश्चर्य में खो गई. यह एक ऐसा पड़ाव था जहाँ उसे आराम करने और अपने आस-पास की असाधारण दुनिया को महसूस करने का मौका मिला.
इस भूमिगत संसार में, जलक ने प्रकृति के एक अलग पहलू को देखा – अंधेरे में भी जीवन की उपस्थिति, शांति में भी सुंदरता का अस्तित्व. यह अनुभव उसकी आगे की यात्रा के लिए एक महत्वपूर्ण सीख साबित होने वाला था.
शेष भाग अगले अंक में…,