वह गुण जिसके कारण दो विषम वस्तुओं के मध्य प्रतिरोधी बल उत्पन्न होता है, जो एक वस्तु को दूसरे के सापेक्ष खिसकने का विरोध करता है, घर्षण कहलाता है. या यूँ कहें कि,वह बल जो सदा वस्तु की सम्भावित गति अथवा खिसकने की दिशा में विपरीत कार्य करता है, घर्षण बल कहलाता है.
घर्षण एक बल है जो दो तलों के बीच सापेक्षिक स्पर्शी गति का विरोध करता है. घर्षण बल का मान दोनों तलों के बीच अभिलम्ब बल पर निर्भर करता है.घर्षण के तीन प्रकार के होते हैं—स्थैतिक, सर्पी और लोटनिक घर्षण.
- घर्षण बल के कारण ही मनुष्य सीधा खड़ा रहता है.
- यदि सड़कों पर घर्षण न हो तो पहिए फिसलने लगते हैं.
- यदि पट्टे तथा पुली के बीच घर्षण न हो तो पट्टा मोटर के पहिए को नहीं घुमा सकेगा.
- घर्षण बल न होने पर हम कोले के छिलक तथा बरसात में चिकनी सड़क पर फिसल जाते हैं.
स्थैतिक घर्षण(static friction): – यदि कोई लकड़ी का बड़ा गुटका जमीन पर रखा हो और उसे खिसकाने के लिए बल लगाया जाए तो वह नहीं खिसकता. अत: दोनों सतहों के मध्य एक घर्षण बल कार्य करता है. इस घर्षण बल को ही स्थैतिक घर्षण बल कहते हैं.
सर्पी घर्षण(sliding friction): – जब कोई वस्तु किसी धरातल पर सरकती है तो सरकने वाली वस्तु तथा धरातल को मध्य लगने वाला घर्षण बल सर्पी घर्षण बल कहलाता है.
लोटनिक घर्षण(Rolling friction): – जब एक वस्तु दूसरी वस्तु की सतह पर लुढ़कती है तो दो सतहों के बीच लगने वाला घर्षण बल लोटनिक घर्षण बल कहलाता है.
- मशीनों में घर्षण के कारण ऊर्जा का अपत्यय होता है और टूट-फूट अधिक होती है.
- दो सतहों के मध्य घर्षण उनके सम्पक क्षेत्रफल पर निर्भर नहीं करता है यह केवल सतहों की प्रकृति व वस्तु के भार पर निर्भर करता है.
- लोटनिक घर्षण का मान सबसे कम और स्थैतिक घर्षण का सबसे अधिक होता है.
- घर्षण कम करने के लिए मशीनों में बाल वियरिंग लगाए जाते हैं, जो सर्पी घर्षण के लोटनिक घर्षण में बदल देते हैं.
- घर्षण सदैव सापेक्षिक गति का विरोध करता है.
बल-आघूर्ण (Force moment): –
किसी पिण्ड पर लगा हुआ कोई बाह्य बल, उस पिण्ड को किसी अक्ष के परित: घुमाने के प्रवृत्ति रखता है। इस प्रवृत्ति को बल आघूर्ण कहते हैं.
- किसी बल का घूर्णन-अक्ष के परितः बल-आघूर्ण बल के परिमाण तथा घूर्णन-अक्ष से बल की क्रिया-रेखा’ की लम्बवत् दूरी के गुणनफल के बराबर होता है.
- यदि बल पिण्ड को वामावर्त घुमाने की प्रवृत्ति रखता है तो बल-आघूर्ण धनात्मक कहलाता है, और यदि वह पिण्ड को दक्षिणावर्त घुमाने की प्रवृत्ति रखता है तो बल-आघूर्ण ऋणात्मक कहलाता है. बल-आघूर्ण का मात्रक न्यूटन-मीटर तथा विमीय सूत्र [ML2T2] होता है.
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Friction
The property due to which a resistive force arises between two unlike objects, which opposes the sliding of one object relative to the other, is called friction. Or in other words, the force which always works opposite to the possible motion or sliding direction of an object is called friction force.
Friction is a force that opposes relative tangential motion between two surfaces. The value of friction force depends on the normal force between the two planes. There are three types of friction – static, sliding and rolling friction.
- Man remains standing straight only because of the force of friction.
- If there is no friction on the roads, the wheels start slipping.
- If there is no friction between the belt and the pulley then the belt will not be able to rotate the wheel of the motor.
- In the absence of friction force, we slip on coal peels and on smooth roads in the rain.
Static friction: – If a big wooden block is kept on the ground and force is applied to move it, then it does not move. Therefore, a friction force acts between the two surfaces. This friction force is called static friction force.
Sliding friction: – When an object slides on a surface, the friction force between the sliding object and the surface is called sliding friction force.
Rolling friction: – When one object rolls on the surface of another object, the friction force applied between the two surfaces is called rolling friction force.
- Due to friction in machines, energy is wasted and wear and tear occurs more.
- Friction between two surfaces does not depend on their contact area, it depends only on the nature of the surfaces and the weight of the object.
- Rolling friction has the lowest value and static friction has the highest value.
- To reduce friction, ball bearings are installed in machines, which convert sliding friction into rolling friction.
- Friction always opposes relative motion.
Force moment: –
Any external force applied on a body has a tendency to rotate that body around an axis. This tendency is called torque.
- The torque of a force about the axis of rotation is equal to the product of the magnitude of the force and the perpendicular distance of the line of action of the force from the axis of rotation.
- If the force has a tendency to rotate the body anti-clockwise then the torque is called positive, and if it has a tendency to rotate the body clockwise then the torque is called negative. The unit of torque is Newton-meter and its dimensional formula is [ML2T2].