भारतीय संस्कृति में उत्सव और मेले की बात ही निराली होती है. वर्तमान और आधुनिक समय में मेले का स्वरूप ही बदल गया है. आइये चलते हैं एशिया के सबसे बड़े पशु मेला के रूप में विख्यात हरिहर क्षेत्र जिसे सोनपुर मेला (छत्तर मेला) के नाम से जानते हैं.
हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा से सोनपुर मेला (छत्तर मेला) की शुरुआत होती है. सोनपुर मेला का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व भी है. जब-जब बात आती सोनपुर मेले की, तो बस एक ही बात याद आती है थियेटर की. कहा जाता है कि नौटंकी का विकृत हुआ रूप है थियेटर.
संकलन: – ज्ञानसागरटाइम्स टीम.
Video Link: – https://youtu.be/7Q7e_4eeW8U



