व्यक्ति विशेष– 691.
राजनीतिज्ञ पद्मजा नायडू
पद्मजा नायडू एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ और राजनयिक थीं, जो सरोजिनी नायडू की पुत्री थीं. उनका जन्म 17 नवंबर 1900 में हुआ था और उन्होंने अपनी मां की तरह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई. पद्मजा नायडू ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण राजनीतिक और राजनयिक पदों पर कार्य किया.
वह विशेष रूप से वेस्ट बंगाल की राज्यपाल के रूप में अपनी सेवाओं के लिए जानी जाती हैं, जहां उन्होंने वर्ष 1956 – 67 तक कार्य किया. पद्मजा नायडू ने अपने कार्यकाल में विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया था.
उनके राजनयिक कैरियर में, पद्मजा ने भारत की विदेश नीति में भी योगदान दिया और विदेश में भारत की राजदूत के रूप में कई महत्वपूर्ण पदों पर आसीन रहीं. वह समाज सेवा में भी सक्रिय रहीं और विशेष रूप से जानवरों के अधिकारों के लिए काम किया.
पद्मजा नायडू का निधन 02 मई 1975 में हुआ. उनकी स्मृति में, दार्जिलिंग के नजदीक स्थित एक प्रसिद्ध चिड़ियाघर का नाम उनके नाम पर ‘पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क’ रखा गया है. उनका जीवन और कार्य भारतीय राजनीति और समाजसेवा में एक प्रेरणास्रोत के रूप में देखा जाता है.
========== ========= ===========
साहित्यकार कपिल कपूर
डॉ. कपिल कपूर एक भाषाविज्ञान और साहित्य के प्रतिष्ठित विद्वान हैं, जिन्हें भारतीय बौद्धिक परंपरा के एक प्रतिनिधि विद्वान के रूप में जाना जाता है. उनक जन्म 17 नवंबर 1940 को हुआ था.
कपिल कपूर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्रोफेसर, सेंटर फॉर लिंग्विस्टिक्स एंड इंग्लिश के प्रोफेसर और बाद में जेएनयू के समकुलपति भी रहे हैं. उनकी शिक्षण और अनुसंधान गतिविधियों में साहित्यिक एवं भाषायी सिद्धांत (भारतीय एवं पाश्चात्य), भाषा-दर्शन, और भारतीय बौद्धिक परम्पराएँ प्रमुख हैं.
डॉ. कपूर ने वर्ष 2012 में प्रकाशित इनसाइक्लोपीडिया ऑफ हिन्दुइज्म के 11-खंडों वाले महत्वपूर्ण ग्रंथ के मुख्य संपादक (Editor-in-Chief) रहे हैं. उन्होंने इंडियन कॉन्सेप्चुअल फ्रेमवर्क, द इंडियन ट्रेडिशन, डाइमेंशन्स ऑफ पाणिनि ग्रामर, इंडियन नॉलेज सिस्टम्स और रति भक्ति (हिंदी में) ग्रंथों का सम्पादन किया. डॉ. कपिल कपूर को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ष 2022 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया.
डॉ. कपूर भारतीय ज्ञान प्रणालियों और पारंपरिक साहित्य सिद्धांत को आधुनिक अकादमिक मंच पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एक प्रमुख साहित्यकार और शिक्षाविद हैं.
========== ========= ===========
स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय
लाला लाजपत राय जिनका जन्म 28 जनवरी 1865 को हुआ था और मृत्यु 17 नवंबर 1928 को हुई थी, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण स्वतंत्रता सेनानी थे. वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण नेता और कार्यकर्ता थे और उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपना सार्थक योगदान दिया.
लाला लाजपत राय का जीवन संघर्षपूर्ण और सेनानी जीवन रहा है. उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भाग लिया और उन्होंने नॉन-कॉपरेशन आंदोलन को भी समर्थन दिया. उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लोगों को जागरूक करने और उन्हें स्वतंत्रता की ओर प्रोत्साहित करने के लिए अपनी शक्तियों का उपयोग किया.
लाला लाजपत राय का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण प्रतीक के रूप में है और उन्होंने अपने जीवन में देश की स्वतंत्रता के लिए समर्थन और योगदान किया.
========== ========= ===========
शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे
बाल ठाकरे एक भारतीय सियासी नेता थे और वे महाराष्ट्र स्थित शिवसेना पार्टी के संस्थापक थे. वे एक चरित्रवादी और महाराष्ट्र अस्मिता के प्रति प्रतिष्ठित थे, और उन्होंने अपने जीवन के दौरान महाराष्ट्र के लोगों के हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए.
बाल ठाकरे का जन्म 23 जनवरी 1926 को हुआ था. वे मुंबई (मुंबई पूर्व में बॉम्बे) में पैदा हुए थे और वहाँ के महाराष्ट्रीय लोगों के साथ बचपन बिताया. बाल ठाकरे का राजनीतिक सफर वर्ष 1966 में शुरू हुआ, जब उन्होंने मुंबई में मराठी चावल के किसानों के हक के लिए एक संगठन बनाया. इसके बाद, वर्ष 1966 में वे शिवसेना की स्थापना करने में जुटे और इस पार्टी के अध्यक्ष बने.
शिवसेना का उद्देश्य महाराष्ट्र के हिंदी बोलने वाले लोगों के हित में था, और पार्टी ने महाराष्ट्र की अस्मिता और संस्कृति की संरक्षण के लिए संघर्ष किया. बाल ठाकरे के नेतृत्व में, शिवसेना ने महाराष्ट्र स्थित सियासी संघर्षों में भाग लिया और कई चुनावों में भागीदारी की. बाल ठाकरे का निधन 17 नवम्बर 2012 को हुआ, लेकिन उनका प्रभाव महाराष्ट्र सियासत में आज भी दिखता है और उन्हें महाराष्ट्र के महत्वपूर्ण राजनीतिक नेताओं में से एक माना जाता है.



