
यादों का मोज़ेक
स्थान:
अस्पताल के गार्डन में बेंच, शाम 5:45 बजे
सूरज की आखिरी किरणें, चिड़ियों का शोर
कैफे की रसीद
गायत्री ने 18 महीने पुरानी कैफे लैटिना की रसीद निकाली. कागज पीला पड़ चुका था, पर “2 ग्रीन टी, 1 डार्क चॉकलेट केक” का बिल अभी भी पढ़ा जा सकता था. नलिन (कागज को सूंघते हुए)-
“इसमें… कॉफी की महक है? पर हमने तो ग्रीन टी पी थी न?”
गायत्री (हैरान)-
“हाँ, पर बगल की टेबल पर कोई कॉफी पी रहा था… तुम्हें ये कैसे याद है?”
डॉ. मल्होत्रा ने नोट किया- “गंध संबंधी स्मृति पहले लौटी – असामान्य केस!”
टूटा मोबाइल-
गायत्री ने नलिन की पुरानी स्क्रीन टूटी फोन दिखाई.
नलिन (अचानक चौंककर),
“ये वो रात थी जब मैंने… मैंने तुम्हारे ऊपर शक किया था न? उस डॉक्टर के बारे में…”
उसकी आँखों में दर्द लौट आया, गायत्री ने जल्दी से अगला टुकड़ा निकाला,
सूखा गुलाब-
एक ड्राय फ्लावर बॉक्स से गायत्री ने काला पड़ा गुलाब निकाला,
नलिन (हाथ बढ़ाते हुए)-
“ये… ये मैंने तुम्हें तब दिया था जब तुमने पहला ऑपरेशन किया था! तुमने इसे संभालकर रखा?!”
गायत्री के आँसू गुलाब की पंखुड़ियों पर गिरे – 6 साल बाद वह फिर से खिल उठाm
अप्रत्याशित स्मृति-
तभी नलिन ने अचानक बेंच के नीचे हाथ डाला और एक पुरानी चॉकलेट रैपर निकाली!
नलिन (उत्साह से)-
“यहाँ! मैंने यहाँ तुम्हारे लिए चॉकलेट छुपाई थी! तुम्हारा मूड खराब होता था एग्जाम्स में…”
गायत्री (रोते हुए हँसी)-
“पर ये तो 5 साल पहले की बात है! ये बेंच तुम्हारे कॉलेज कैंटीन की है!”
डॉ. मल्होत्रा ने चार्ट पर लिखा: “रिमोट मेमोरी रिकवरी – मेडिकली अस्पष्टनीय!”
मोज़ेक का रहस्य–
गंध और स्पर्श की यादें पहले लौटीं – विज्ञान को चुनौती
हर याद के साथ दर्द और प्यार साथ-साथ लौटे
नलिन का दिमाग अपनी अनूठी भाषा में यादें जोड़ रहा था.
शेष भाग अगले अंक में…,