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सम्राट पृथ्वीराज चौहान

पुरा नाम  पृथ्वीराज चौहान अन्य नाम  राय पिथौरा. माता/पिता राजा सोमेश्वर चौहान/कमलादेवी पत्नी  संयोगिता जन्म  1149 ई.राज्याभिषेक 1169 ई.   मृत्यु  1192 ई. राजधानी   दिल्ली, अजमेर.

वंश चौहान (राजपूत)आज की पिढी इनकी वीर गाथाओ के बारे मे बहुत कम जानती है तो आइए जानते है सम्राट पृथ्वीराज चौहान से जुडा इतिहास एवं रोचक तथ्य  प्रथ्वीराज चौहान ने 12 वर्ष कि उम्र मे बिना किसी हथियार के खुंखार जंगली शेर का जबड़ा फाड़ ड़ाला था । पृथ्वीराज चौहान ने 16 वर्ष की आयु मे ही महाबली नाहरराय को युद्ध मे हराकर माड़वकर पर विजय प्राप्त की थी।पृथ्वीराज चौहान ने तलवार के एक वार से जंगली हाथी का सिर धड़ से अलग कर दिया था । महान सम्राट प्रथ्वीराज चौहान कि तलवार अत्यधिक वजनदार थी और उसे वे एक हाथ से सहजतापूर्वक चलाते थे ..सुनने पर विश्वास नहीं हुआ होगा किंतु यह सत्य है सम्राट पृथ्वीराज चौहान अनेक अभेद्य व्यूहरचनाओं जानते थे। महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान का राज्याभिषेक मात्र 20 वर्ष की अल्पायु में हुआ ।प्रथ्वीराज चौहान 1166 ई.  मे अजमेर की गद्दी पर बैठे और तीन वर्ष के बाद यानि 1169 मे दिल्ली के सिंहासन पर बैठकर पूरे हिन्दुस्तान पर राज किया। सम्राट पृथ्वीराज चौहान का विवाह संयोगिता के साथ हुआ। पृथ्वीराज चौहान ने महमुद गौरी को 16 बार युद्ध मे हराकर जीवन दान दिया था और 16 बार कुरान की कसम खिलवाई थी।

गौरी ने 17 वी बार मे चौहान को धौके से बंदी बनाया और अपने देश ले जाकर चौहान की दोनो आँखे फोड दी थी ।उसके बाद भी राजदरबार मे पृथ्वीराज चौहान ने अपना मस्तक नहीं झुकाया था।महमूद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान को बंदी बनाकर  अनेको प्रकार की पीड़ा दी थी और लंबे समय तक भूखा रखा था..

फिर भी सम्राट की मृत्यु न हुई थी ।सम्राट पृथ्वीराज चौहान की सबसे बड़ी विशेषता यह थी उन्हें शब्द भेदी बाण की कला ज्ञात थी।जो की अयोध्या नरेश “राजा दशरथ” के बाद के बाद कतिपय उन्हें ही हस्तगत हुई थी। पृथ्वीराज चौहान ने महमुद गौरी को उसी के भरे दरबार मे शब्द भेदी बाण से मारा था ।गौरी को मारने के बाद भी वह दुश्मन के हाथो नहीं मरे अर्थार्त अपने मित्र चन्द्रबरदाई के हाथो मरे, दोनो ने एक दुसरे को कटार घोंप कर मार लिया क्योंकि और कोई विकल्प नहीं था ।दुख होता है ये सोचकर कि वामपंथीयो ने इतिहास की पुस्तकों में टीपुसुल्तान, बाबर, औरँगजेब, अकबर जैसे हत्यारो के महिमामण्डन से भर दिया और पृथ्वीराज जैसे योद्धाओ को नई पीढ़ी को पढ़ने नही दिया बल्कि इतिहास छुपा दिया गया।

 

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Emperor Prithviraj Chauhan

Full name Prithviraj Chauhan another name Rai Pithora. Mother/Father King Someshwar Chauhan / Kamaladevi Wife Sanyogita Born 1149 AD. Coronation 1169 AD. Death 1192 AD. Capital Delhi, Ajmer.

Vansh Chauhan (Rajput) Today’s generation knows very little about their heroic stories, so let’s know the history and interesting facts related to Emperor #Prithviraj Chauhan. Was cast At the age of 16, Prithviraj Chauhan defeated Mahabali Naharrai in a war and conquered Madavkar. Prithviraj Chauhan had severed the head of a wild elephant with one blow of his sword. Great Emperor Prithviraj Chauhan’s sword was very heavy and he used to operate it easily with one hand… You may not believe it but it is true that Emperor Prithviraj Chauhan knew many impenetrable tactics. The coronation of the great emperor Prithviraj Chauhan took place at the young age of only 20 years. Prithviraj Chauhan sat on the throne of Ajmer in 1166 AD and after three years i.e. in 1169 sat on the throne of Delhi and ruled the whole of India. Emperor Prithviraj Chauhan was married to Sanyogita. Prithviraj Chauhan had sacrificed his life by defeating Mahmud Gauri 16 times in the war and had sworn by Quran 16 times.

For the 17th time, Gauri made Chauhan a prisoner by deceit and took him to his country, and broke both eyes of Chauhan. Even after that, Prithviraj Chauhan did not bow his head in the court. Tortured and kept hungry for a long time.

Even then the emperor had not died. The biggest feature of Emperor Prithviraj Chauhan was that he knew the art of piercing arrows. Which was handed over to him only after the Ayodhya king “Raja Dasaratha”. Prithviraj Chauhan killed Mahmud Ghori in his own court with a piercing arrow. Even after killing Ghori, he did not die at the hands of the enemy, that is, at the hands of his friend Chandrabardai, both of whom stabbed each other with daggers because There was no alternative. It is sad to think that the leftists have filled history books with the glorification of murderers like Tipusultan, Babur, Aurangzeb, Akbar, and warriors like Prithviraj were not allowed to read to the new generation, but history was hidden.

Prabhakar Kumar.

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