
स्वतंत्रता सेनानी टी. बी. कुन्हा
टी. बी. कुन्हा, पूरा नाम त्रिस्ताओ दे ब्रागांजा कुन्हा, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे, विशेषकर गोवा की मुक्ति के संघर्ष में उनका योगदान महत्वपूर्ण था. उन्हें गोवा के स्वतंत्रता संघर्ष का पितामह भी कहा जाता है. उनका जन्म 02 अप्रैल 1891को हुआ था और उनकी मृत्यु 26 सितंबर 1958 को हुई थी.
कुन्हा ने पुर्तगाली शासन के खिलाफ लड़ाई में एक बुद्धिजीवी और राजनीतिक नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई. उन्होंने शिक्षा, साहित्यिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया. टी. बी. कुन्हा ने गोवा की आजादी के लिए जन जागरूकता फैलाने और अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के लिए कई यात्राएँ कीं और विभिन्न सम्मेलनों में भाग लिया.
उन्होंने अनेक पुस्तकें और लेख लिखे, जिनमें उन्होंने गोवा के स्वतंत्रता संघर्ष और पुर्तगाली शासन के अत्याचारों का वर्णन किया. उनका कार्य और उनकी लेखनी आज भी गोवा में स्वतंत्रता के संघर्ष की प्रेरणा का स्रोत है. उनके नाम पर गोवा में कई संस्थान और स्मारक स्थापित किए गए हैं, जो उनके योगदान और विरासत को सम्मानित करते हैं.
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अभिनेता हरिंद्रनाथ चट्टोपाध्याय
हरिंद्रनाथ चट्टोपाध्याय एक भारतीय अभिनेता, कवि, नाटककार और गीतकार थे. वे राजनीतिज्ञ और शिक्षाविद् सर्वपल्ली राधाकृष्णन के समकालीन थे और उन्हें अपने विविध कलात्मक योगदान के लिए जाना जाता है. हरिंद्रनाथ का जन्म 2 अप्रैल 1898 को हुआ था और उनका निधन 23 जून 1990 को हुआ.
हरिंद्रनाथ ने भारतीय रंगमंच और सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने नाटकों की रचना की और उनमें अभिनय भी किया. उनकी कविताओं में गहरी आध्यात्मिकता और दर्शन की झलक मिलती है. फिल्मों में उनका योगदान भी उल्लेखनीय है. उन्होंने कई हिंदी और बंगाली फिल्मों में काम किया. हरिंद्रनाथ चट्टोपाध्याय की विशिष्ट आवाज और अद्वितीय अभिनय शैली ने उन्हें एक अलग पहचान दी.
वे सरोजिनी नायडू के भाई थे, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख नेत्री और कवयित्री थीं. हरिंद्रनाथ के कार्यों में उनकी बहन के समान ही देशभक्ति और सामाजिक चेतना के तत्व मिलते हैं. उन्होंने न केवल भारतीय कला और साहित्य में अपनी अमिट छाप छोड़ी, बल्कि अपनी रचनाओं के माध्यम से आधुनिक भारतीय चिंतन और संस्कृति को भी प्रभावित किया.
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शास्त्रीय गायक बड़े ग़ुलाम अली ख़ाँ
बड़े ग़ुलाम अली ख़ाँ भारतीय शास्त्रीय संगीत के एक प्रतिष्ठित गायक थे, जिन्हें खासतौर पर हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के ख़याल और ठुमरी शैलियों में उनके अद्वितीय योगदान के लिए जाना जाता है. उनका जन्म 2 अप्रैल 1902 को पंजाब के लाहौर में हुआ था, जो उस समय ब्रिटिश भारत का हिस्सा था और अब पाकिस्तान में है.
बड़े ग़ुलाम अली ख़ाँ को उनकी गायकी की गहराई और भावपूर्ण शैली के लिए सराहा जाता था. उन्होंने अपने संगीत में बेहद सूक्ष्म और जटिल रागदारियों का उपयोग किया, जिससे उनकी प्रस्तुतियाँ अत्यधिक आकर्षक और मोहक बन जाती थीं. उनकी आवाज़ में एक खास तरह की गर्मी और मिठास थी, जो श्रोताओं को गहराई से प्रभावित करती थी.
उनके कैरियर में कई उल्लेखनीय प्रस्तुतियाँ रहीं, और वे न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध थे. उन्होंने संगीत के कई महान गुरुओं के साथ काम किया और उन्हें खासतौर पर पटियाला घराने का प्रतिनिधित्व करने के लिए जाना जाता है.
बड़े ग़ुलाम अली ख़ाँ ने अपनी संगीतमय विरासत को अगली पीढ़ियों तक पहुँचाया, और उनके शिष्यों ने भी संगीत की दुनिया में उनकी शैली को जारी रखा. उनकी मृत्यु 25 जनवरी 1968 को हुई, लेकिन उनका संगीत आज भी उनके प्रशंसकों और शास्त्रीय संगीत के जानकारों द्वारा संजोया जाता है.
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अभिनेता रोशन सेठ
रोशन सेठ एक विशिष्ट भारतीय-ब्रिटिश अभिनेता हैं, जिन्होंने थिएटर, टेलीविजन, और फिल्मों में अपने अभिनय के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय पहचान हासिल की है. उन्हें विशेष रूप से रिचर्ड एटनबरो की ऐतिहासिक फिल्म “गांधी” (1982) में पंडित जवाहरलाल नेहरू की भूमिका के लिए जाना जाता है, जिसके लिए उन्हें बहुत प्रशंसा मिली थी.
रोशन सेठ का जन्म 2 अप्रैल 1942 को पटना, बिहार में हुआ था. उन्होंने लंदन में ड्रामा स्कूल से अभिनय में अपनी शिक्षा पूरी की और बाद में अपने कैरियर में बहुत सारी विविध और प्रतिष्ठित भूमिकाएँ निभाई. उनका काम न केवल बॉलीवुड में बल्कि हॉलीवुड और ब्रिटिश सिनेमा में भी सराहा गया है.
रोशन सेठ ने “माय ब्यूटीफुल लौंड्रेट” (1985), “इंडियाना जोन्स एंड द टेम्पल ऑफ डूम” (1984), और “स्ट्रीट फाइटर” (1994) जैसी फिल्मों में काम किया है. उन्होंने अपने विविध चरित्रों के माध्यम से, जो अक्सर जटिल और बहुआयामी होते हैं, अंतरराष्ट्रीय सिनेमा में भारतीय अभिनेताओं की छवि को विस्तारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
उनकी अभिनय प्रतिभा और योगदान को सिनेमाई जगत में व्यापक रूप से मान्यता दी गई है, और वे आज भी अपने काम के लिए प्रशंसा और सम्मान प्राप्त करते हैं. रोशन सेठ अपने समृद्ध कैरियर में अभिनय की गहराई और विविधता के साथ एक प्रेरणास्रोत बने हुए हैं.
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अभिनेता अजय देवगन
अजय देवगन जिनका जन्म विशाल वीरू देवगन के रूप में 2 अप्रैल 1969 को हुआ था. भारतीय सिनेमा के प्रमुख अभिनेताओं में से एक हैं अजय देवगन. उन्होंने वर्ष 1991 में फिल्म “फूल और कांटे” से अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत की, जिसमें उनकी दो मोटर साइकिलों पर सवारी करते हुए ‘की गई एंट्री’ ने रातोंरात उन्हें स्टार बना दिया.अपने कैरियर में देवगन ने विभिन्न शैलियों में अभिनय किया है, जिसमें एक्शन, कॉमेडी, ड्रामा, और रोमांस शामिल हैं, और उन्हें उनकी विविध भूमिकाओं के लिए सराहा गया.
देवगन की प्रमुख फिल्मों में “सिंघम”, “दृश्यम”, “गोलमाल” श्रृंखला, “तान्हाजी”, और “रेड” शामिल हैं. उनकी फिल्म “तान्हाजी” ने बॉक्स ऑफिस पर भारी सफलता हासिल की और उन्हें अपने अभिनय कौशल के लिए व्यापक प्रशंसा मिली. अजय देवगन न केवल एक अभिनेता हैं बल्कि एक सफल निर्माता और निर्देशक भी हैं. उन्होंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी, अजय देवगन फ़िल्म्स, के तहत कई फिल्मों का निर्माण किया है. उनके निर्देशन में बनी फिल्मों में “उ, मी और हम” और “शिवाय” शामिल हैं.
अपने लंबे और सफल कैरियर के लिए, देवगन को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और चार फिल्मफेयर पुरस्कार शामिल हैं. उनकी अभिनय प्रतिभा, समर्पण और फिल्म निर्माण के प्रति उनका जुनून उन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित व्यक्तित्वों में से एक बनाता है.
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कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा
रेमो डिसूजा, जिनका असली नाम रमेश गोपी नायर है. जो एक प्रसिद्ध भारतीय डांसर, कोरियोग्राफर, निर्देशक और प्रोड्यूसर हैं. रेमो डिसूजा का जन्म 02 अप्रैल 1974 को बेंगलुरु में हुआ था. उन्हें विशेष रूप से उनकी कोरियोग्राफी के लिए जाना जाता है, जिसमें उन्होंने भारतीय सिनेमा में कई हिट गानों पर अपने डांस मूव्स दिखाए हैं. रेमो डिसूजा ने कई फिल्मों में काम किया है और विभिन्न डांस रियलिटी शोज में जज के रूप में भी उपस्थित रहे हैं, जिनमें ‘डांस इंडिया डांस’, ‘झलक दिखला जा’, और ‘डांस प्लस’ शामिल हैं.
उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत बतौर कोरियोग्राफर की और बाद में फिल्म निर्देशन में भी हाथ आजमाया. उनकी निर्देशित फिल्मों में ‘ABCD: Any Body Can Dance’ (2013), ‘ABCD 2’ (2015), और ‘स्ट्रीट डांसर 3D’ (2020) प्रमुख हैं. इन फिल्मों में उन्होंने नृत्य के विभिन्न रूपों को दर्शाया है, जिसने खासकर युवा दर्शकों को बहुत प्रेरित किया.
रेमो डिसूजा को उनकी क्रिएटिव कोरियोग्राफी के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया है, जिनमें नेशनल फिल्म अवार्ड और फिल्मफेयर अवार्ड शामिल हैं. उनकी कोरियोग्राफी ने न केवल नृत्य प्रेमियों को आकर्षित किया है बल्कि आम दर्शकों को भी नृत्य की ओर रुचि बढ़ाने में मदद की है. उनका योगदान भारतीय सिनेमा और टेलीविजन उद्योग को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण रहा है.
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हास्य कलाकार कपिल शर्मा
कपिल शर्मा, एक भारतीय हास्य कलाकार, अभिनेता, टीवी प्रस्तुतकर्ता, और निर्माता हैं, जिन्हें मुख्य रूप से उनके नाम से ही जाने जाने वाले शो, “द कपिल शर्मा शो” के लिए जाना जाता है. उनका जन्म 2 अप्रैल 1981 को अमृतसर, पंजाब, भारत में हुआ था. कपिल ने अपनी कॉमेडी और अनूठे हास्य अंदाज़ के साथ लाखों भारतीय दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है.
कपिल के कैरियर की शुरुआत थिएटर और रियलिटी शोज से हुई. उन्होंने “द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज” में भाग लिया और इसे जीता, जिसने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई. उसके बाद, उन्होंने विभिन्न रियलिटी शोज़ में भाग लिया और कई में जज के रूप में भी काम किया. उन्होंने “कॉमेडी सर्कस” में भी प्रतिस्पर्धा की और कई सीज़न जीते.
“द कपिल शर्मा शो” के अलावा, कपिल ने “कॉमेडी नाइट्स विथ कपिल” के साथ भी अपार सफलता हासिल की. उनके शोज़ ने उन्हें घर-घर में पहचान दिलाई और वे देश के सबसे प्रिय हास्य कलाकारों में से एक बन गए. कपिल ने कुछ हिंदी फिल्मों में भी अभिनय किया है, जिसमें “किस किस को प्यार करूँ” और “फिरंगी” शामिल हैं. उनकी फिल्मों ने उन्हें एक अभिनेता के रूप में भी पहचान दिलाई.
कपिल की सफलता का राज उनकी विनोदी शैली, अनूठे चुटकुले, और दर्शकों के साथ उनकी गहरी संवेदनशीलता में निहित है. उन्होंने कई पुरस्कार जीते हैं और उनके शोज़ ने टीवी टीआरपी रेटिंग्स में ऊंचे स्थान प्राप्त किए हैं. कपिल शर्मा अपने हास्य के माध्यम से लोगों को हंसाने और मनोरंजन करने में जारी रखे हुए हैं.
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बालाजी विश्वनाथ
बालाजी विश्वनाथ मराठा साम्राज्य के पहले पेशवा और एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सैन्य नेता थे. उनका जन्म शिवणगाव, महाराष्ट्र में हुआ था. बालाजी विश्वनाथ ने मराठा साम्राज्य के संस्थापक शिवाजी महाराज के पोते छत्रपति शाहू के समय में महत्वपूर्ण योगदान दिया. बालाजी विश्वनाथ का जन्म 1 जनवरी 1662 को हुआ था और उनका निधन 02 अप्रैल 1720 को हुआ.
उन्होंने अपने कुशल राजनीतिक और प्रशासनिक कौशल का उपयोग करते हुए मराठा साम्राज्य की मजबूती और विस्तार में योगदान दिया. बालाजी विश्वनाथ ने मराठा साम्राज्य में पेशवा पद की स्थापना की, जो कि एक प्रमुख प्रशासनिक और सैन्य पद था. वे छत्रपति शाहू के मुख्य सलाहकार और प्रधान मंत्री के रूप में कार्यरत थे.
बालाजी विश्वनाथ के नेतृत्व में, मराठा साम्राज्य ने अनेक क्षेत्रों में विस्तार किया और उन्होंने मराठा राजनीति में स्थायित्व लाने के लिए अनेक समझौते और गठबंधन किए. उन्होंने मुगल साम्राज्य के साथ संघर्षों में भी भाग लिया और मराठा साम्राज्य की राजनीतिक शक्ति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
बालाजी विश्वनाथ के योगदान के कारण ही मराठा साम्राज्य 18वीं शताब्दी में भारतीय उपमहाद्वीप पर एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभरा. उनके मृत्यु के बाद, उनके पुत्र बाजीराव प्रथम ने पेशवा के रूप में उनकी विरासत को आगे बढ़ाया और मराठा साम्राज्य को और भी शक्तिशाली बनाया.
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क्रिकेट खिलाड़ी सलीम दुर्रानी
सलीम दुर्रानी एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर हैं जिन्होंने वर्ष 1960 -70 के दशक में भारत के लिए खेला था. वे एक ऑलराउंडर खिलाड़ी थे जो बाएं हाथ से बल्लेबाजी और बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाजी करते थे. दुर्रानी को उनकी स्टाइलिश बल्लेबाजी और सक्षम गेंदबाजी के लिए जाना जाता था, साथ ही साथ उनकी क्रिकेट फील्ड में दर्शकों के साथ उनकी जबरदस्त लोकप्रियता के लिए भी.
सलीम दुर्रानी का जन्म 11 दिसंबर 1934, ख़ैबर दर्रा, पाकिस्तान में हुआ था और उनका निधन 02 अप्रैल 2023 को जामनगर, गुजरात में हुआ था. दुर्रानी ने अपने कैरियर में कुछ यादगार प्रदर्शन किए, जिसमें उनकी मैच जिताऊ पारियां और अहम मौकों पर लिए गए विकेट शामिल हैं. उनका करिश्माई खेल भारतीय क्रिकेट में उन्हें एक विशेष स्थान दिलाता है.
इसके अलावा, दुर्रानी ने फिल्म इंडस्ट्री में भी अपना हाथ आजमाया था और वह कुछ बॉलीवुड फिल्मों में नज़र आए थे. उनकी विविध प्रतिभाओं और व्यक्तित्व ने उन्हें उस समय के एक चर्चित व्यक्तित्व के रूप में स्थापित किया था.