
लेखक एवं सम्पादक पंडित नरेंद्र शर्मा
पंडित नरेंद्र शर्मा एक प्रसिद्ध भारतीय लेखक और संपादक थे. वे हिंदी साहित्य के एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व माने जाते हैं. पंडित नरेंद्र शर्मा का जन्म 28 फरवरी, 1913 को हुआ था और उनका निधन 12 फरवरी, 1989 को हुआ था. उन्होंने अपने जीवनकाल में कई कविताएँ, नाटक, उपन्यास और लेख लिखे.
पंडित नरेंद्र शर्मा को उनकी कविता संग्रह ‘प्रभात के गीत’ के लिए विशेष रूप से जाना जाता है. उन्होंने आकाशवाणी (ऑल इंडिया रेडियो) के लिए भी काम किया और वहां के कार्यक्रमों में अपना योगदान दिया। पंडित नरेंद्र शर्मा की लेखनी में भारतीय संस्कृति, दर्शन और इतिहास की गहरी झलक मिलती है.
उनके काम ने हिंदी साहित्य में एक अमिट छाप छोड़ी है, और आज भी उनकी रचनाएँ पाठकों और साहित्य प्रेमियों द्वारा पढ़ी और सराही जाती हैं.
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भूतपूर्व उपराष्ट्रपति कृष्णकान्त
कृष्णकांत एक भारतीय राजनेता थे जिन्होंने भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में सेवा की. उनका पूरा नाम कृष्णकांत था और वे वर्ष 1997 – 2002 तक इस पद पर आसीन थे. कृष्णकांत का जन्म 28 फरवरी, 1927 को हुआ था और उनका निधन 27 जुलाई, 2002 को हुआ था.
कृष्णकांत ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत इंडियन नेशनल कांग्रेस से की थी और वे कई बार सांसद भी रहे. वे भारतीय राजनीति में एक सम्मानित व्यक्तित्व थे और उन्हें विशेष रूप से उनके विनम्र स्वभाव और सामाजिक न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता था.
कृष्णकांत ने भारतीय राजनीति में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम किया और उन्होंने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनके उपराष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान, वे राज्यसभा के सभापति के रूप में भी कार्य करते थे, जो उपराष्ट्रपति का एक पारंपरिक कार्य है. उनकी मृत्यु के बाद, उन्हें उनकी सेवाओं और योगदानों के लिए व्यापक रूप से श्रद्धांजलि दी गई.
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संगीतकार तथा गायक रवीन्द्र जैन
रवींद्र जैन एक भारतीय संगीतकार, गायक और गीतकार थे. वे हिंदी सिनेमा के लिए अपनी अद्वितीय संगीत रचनाओं के लिए जाने जाते हैं. रवींद्र जैन का संगीत भारतीय फिल्म उद्योग में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, और उनके गाने आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं.
रवींद्र जैन का जन्म 28 फरवरी 1944 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था. वे एक संगीत-प्रेमी परिवार में पले-बढ़े. उनकी आँखों में जन्म से ही दृष्टिहीनता थी, लेकिन इससे उनके संगीत के प्रति प्रेम में कोई कमी नहीं आई. उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों और दोस्तों से प्रेरणा लेकर संगीत की दुनिया में कदम रखा.
रवींद्र जैन ने संगीत की शिक्षा जयपुर के संगीत विद्यालय से ली. उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत के कई पहलुओं का अध्ययन किया, जिससे उन्हें संगीत के क्षेत्र में एक मजबूत आधार मिला. रवींद्र जैन ने अपने कैरियर की शुरुआत वर्ष 1970 के दशक में की. वे जल्दी ही अपनी रचनाओं के लिए लोकप्रिय होने लगे. उन्होंने कई प्रमुख हिंदी फिल्मों के लिए संगीत रचना की और अपने गाने खुद गाए.
हिट फिल्में: – रवींद्र जैन ने कई प्रसिद्ध फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया, जिनमें “चिदंबरम”, “कर्म-yogi”, “संदेश”, “शादी के बाद” और “मेरा गाँव मेरा देश” जैसी फिल्में शामिल हैं.
प्रसिद्ध गाने: – “गोपाल गोपाल”, “हे राम”, “ओ मेरी जन्नत”, “तेरी ओढ़नी”.
रवींद्र जैन का संगीत अक्सर भारतीय लोक संगीत और शास्त्रीय संगीत से प्रभावित होता था. उनका कर्णप्रिय संगीत और मधुर गायक शैली ने उन्हें एक अद्वितीय स्थान दिया.
रवींद्र जैन को उनके अद्वितीय योगदान के लिए कई पुरस्कार मिले, जिनमें फिल्मफेयर अवार्ड शामिल हैं. उन्होंने संगीत के क्षेत्र में अपनी कला को न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी फैलाया. रवींद्र जैन ने अपने जीवन के अधिकांश समय में संगीत और कला को समर्पित किया. उन्होंने अपनी दृष्टिहीनता को कभी भी अपनी प्रतिभा के मार्ग में बाधा नहीं बनने दिया.
रवींद्र जैन का निधन 9 अक्टूबर 2015 को हुआ. उनके जाने के बाद भी उनके द्वारा रचित संगीत और गाने लोगों के दिलों में जिंदा हैं. वे भारतीय संगीत के एक महान हस्ताक्षर के रूप में याद किए जाते हैं. उनकी संगीत रचनाएँ हमेशा उनकी अद्वितीय शैली और कर्णप्रियता के लिए सराही जाएंगी.
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राजनीतिज्ञ दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ सदस्य हैं. वे मध्य प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रमुख आकृति हैं और राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में दो बार सेवा कर चुके हैं. उनका पूरा नाम दिग्विजय सिंह है, और वे राजनीति में अपने लंबे कैरियर के लिए जाने जाते हैं.
दिग्विजय सिंह का जन्म 28 फरवरी, 1947 को हुआ था. उन्होंने वर्ष 1993 – 2003 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में दस वर्षों तक सेवा की. उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन किए, लेकिन उनकी सरकार की कुछ नीतियों को लेकर विवाद भी हुए.
दिग्विजय सिंह अपने बयानों और राजनीतिक स्थिति के लिए भी जाने जाते हैं. वे सामाजिक न्याय, गरीबी उन्मूलन और शासन में पारदर्शिता के समर्थक हैं. वे राजनीतिक वार्ता में सक्रिय रहते हैं और अक्सर राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक नीतियों और सामाजिक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करते हैं.
दिग्विजय सिंह भारतीय राजनीति में एक अनुभवी और प्रभावशाली व्यक्तित्व के रूप में माने जाते हैं, और उनका योगदान राजनीतिक चर्चाओं और विश्लेषणों में अक्सर सामने आता है.
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राजनीतिज्ञ विजय बहुगुणा
विजय बहुगुणा एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो उत्तराखंड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उन्होंने 13 मार्च 2012 से 31 जनवरी 2014 तक इस पद पर कार्य किया. विजय बहुगुणा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के सदस्य थे जब वे मुख्यमंत्री बने थे, हालांकि, बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ दी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए.
विजय बहुगुणा का जन्म 28 फरवरी 1947 को हुआ था. वह हेमवती नंदन बहुगुणा के पुत्र हैं, जो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री थे. विजय बहुगुणा ने अपना कैरियर एक वकील के रूप में शुरू किया था और बाद में राजनीति में आए.
उनके मुख्यमंत्री काल के दौरान, उत्तराखंड ने कई विकासात्मक चुनौतियों का सामना किया, खासकर वर्ष 2013 में आई प्राकृतिक आपदा के समय, जब राज्य में भयंकर बाढ़ और भूस्खलन हुआ था. इस आपदा के प्रबंधन को लेकर उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था.
विजय बहुगुणा का राजनीतिक कैरियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है, और उनके निर्णयों और नेतृत्व की शैली ने उन्हें विभिन्न राजनीतिक विचारों और समीक्षाओं का केंद्र बनाया है.
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अभिनेत्री एंजेला जॉनसन
अभिनेत्री एंजेला जॉनसन एक प्रतिभाशाली और मेहनती अभिनेत्री हैं, जिन्होंने अपने अभिनय कौशल और समर्पण से फिल्म और टेलीविजन उद्योग में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. एंजेला जॉनसन का जन्म 28 फ़रवरी 1990 को चेन्नई के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूल से प्राप्त की और बचपन से ही कला और संस्कृति के प्रति उनका गहरा लगाव था.
एंजेला जॉनसन ने अपने कैरियर की शुरुआत मॉडलिंग से की थी. उन्हें मॉडलिंग की दुनिया में पहचना किंगफ़िशर कैलेंडर के जरिये मिली. उसके बाद वह वर्ष 2012 में किंगफ़िशर कैलेंडर की जज के तौर पर नजर आयीं. वर्ष 2011 में टाइम्स ऑफ़ इंडिया के सर्वे में टॉप 50 में मोस्ट डिजायरेबल विमेंस के फेहरिस्त में भी शामिल हो चुकीं हैं.
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अभिनेत्री हैजल कीच
हैज़ल कीच एक ब्रिटिश-भारतीय अभिनेत्री, मॉडल और डांसर हैं, जिन्होंने बॉलीवुड और दक्षिण भारतीय सिनेमा में अपनी पहचान बनाई है. उनका जन्म 22 अप्रैल 1987 को इंग्लैंड में हुआ था. हैज़ल ने अपने कैरियर की शुरुआत मॉडलिंग और डांसिंग से की और बाद में अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा. उन्हें बॉलीवुड फिल्मों और टेलीविजन शोज़ में उनके प्रदर्शन के लिए जाना जाता है. हैज़ल कीच ने भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह से शादी करने के बाद भी अपने कैरियर को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया है.
हैज़ल कीच का जन्म इंग्लैंड में हुआ था, और उनकी माँ भारतीय मूल की हैं, जबकि उनके पिता ब्रिटिश हैं. उन्होंने अपनी शिक्षा इंग्लैंड में पूरी की और बचपन से ही डांस और एक्टिंग में गहरी रुचि रखती थीं. हैज़ल ने डांसिंग में प्रशिक्षण लिया और कई डांस प्रतियोगिताओं में भाग लिया. उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत मॉडलिंग से की और बाद में भारतीय सिनेमा में कदम रखा.
हैज़ल कीच ने अपने कैरियर की शुरुआत एक डांसर के रूप में की. उन्होंने कई विज्ञापनों और म्यूजिक वीडियोज़ में काम किया. हैज़ल ने अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत वर्ष 2009 में तेलुगु फिल्म “योगी” से की. इसके बाद उन्होंने कई तेलुगु और तमिल फिल्मों में काम किया.
फ़िल्में: –
तेलुगु फिल्में: – “योगी”, “डुकुडू”, “डार्लिंग”
तमिल फिल्में: – “विल्लू”, “कलाई”
बॉलीवुड फिल्में: – “सुपरस्टार” (2012), “सत्याग्रह” (2013)
हैज़ल ने टेलीविजन के क्षेत्र में भी अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने रियलिटी शो “खतरों के खिलाड़ी” (Khatron Ke Khiladi) के सीज़न 7 में भाग लिया, जहाँ उन्होंने अपनी बहादुरी और खेल भावना का प्रदर्शन किया. इस शो ने उन्हें भारतीय दर्शकों के बीच और अधिक लोकप्रिय बनाया.
हैज़ल कीच ने 30 नवंबर 2016 को भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह से शादी की. उनकी शादी एक भव्य समारोह में हुई, जिसमें बॉलीवुड और क्रिकेट जगत के कई बड़े नाम शामिल हुए. शादी के बाद भी हैज़ल ने अपने कैरियर को जारी रखा और फिटनेस और स्वास्थ्य के प्रति अपना जुनून बनाए रखा. इसके अलावा, हैज़ल कई सामाजिक कार्यों से भी जुड़ी हुई हैं और चैरिटी संगठनों के साथ मिलकर काम करती हैं.
हैज़ल कीच को उनके अभिनय और फिटनेस के क्षेत्र में कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं. जिनमें शामिल हैं: –
सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री – तेलुगु फिल्म “योगी” के लिए
फिटनेस आइकन – फिटनेस और स्वास्थ्य के प्रति उनके योगदान के लिए
रियलिटी शो में प्रदर्शन – “खतरों के खिलाड़ी” में उनकी बहादुरी के लिए
हैज़ल कीच एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री, मॉडल और डांसर हैं, जिन्होंने बॉलीवुड और दक्षिण भारतीय सिनेमा में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. उनका कैरियर और व्यक्तिगत जीवन दोनों ही प्रेरणादायक हैं.
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राणा उदयसिंह
राणा उदयसिंह भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व थे, वे मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश के राजा थे. उनका जन्म 4 अगस्त 1522 को हुआ था और उन्होंने वर्ष 1537- 72 तक मेवाड़ पर शासन किया. वे महाराणा प्रताप के पिता थे, जो अपनी वीरता और मुगल साम्राज्य के खिलाफ अपने अडिग प्रतिरोध के लिए प्रसिद्ध हैं.
राणा उदयसिंह का शासनकाल मुगल सम्राट अकबर के उदय के समय के साथ मेल खाता है. उनके शासनकाल के दौरान, मेवाड़ को कई मुगल आक्रमणों का सामना करना पड़ा. उदयसिंह ने मेवाड़ की रक्षा के लिए विभिन्न युद्धों में नेतृत्व किया, लेकिन मुगल सेनाओं के बढ़ते दबाव के कारण उन्हें कई बार अपनी राजधानी बदलनी पड़ी.
राणा उदयसिंह ने अपनी नई राजधानी उदयपुर की स्थापना की, जो एक खूबसूरत झीलों के शहर के रूप में प्रसिद्ध है. उदयपुर आज भी अपनी राजसी सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है. राणा उदयसिंह का योगदान मेवाड़ के इतिहास में महत्वपूर्ण माना जाता है, और उनकी विरासत उनके पुत्र महाराणा प्रताप के बहादुरी भरे कार्यों में भी देखी जा सकती है. राणा उदयसिंह का निधन 28 फ़रवरी 1572 को हुआ था.
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प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद
डॉ. राजेंद्र प्रसाद, जिन्हें आमतौर पर राजेंद्र बाबू के नाम से जाना जाता है, भारतीय राजनीति के एक प्रमुख व्यक्ति थे. वे भारत के पहले राष्ट्रपति थे, जिन्होंने वर्ष 1950 – 62 तक सेवा की.
डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर 1884 को ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रेसीडेंसी (वर्तमान बिहार, भारत) के जीरादेई में हुआ था. उनके पिता महादेव सहाय संस्कृत और फारसी के विद्वान थे, और उनकी माता कमलेश्वरी देवी एक धर्मपरायण महिला थीं. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा छपरा जिला स्कूल में प्राप्त की और बाद में कलकत्ता विश्वविद्यालय में भाग लिया, जहाँ उन्होंने वर्ष 1915 में कानून में मास्टर डिग्री प्राप्त की. उन्होंने कानून में डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त की.
डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थे. वे महात्मा गांधी के प्रबल अनुयायी थे और उन्होंने असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन सहित कई आंदोलनों में भाग लिया. उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वर्ष 1934, 1935 और 1939 में तीन बार इसके अध्यक्ष के रूप में कार्य किया.
वर्ष 1950 में भारत के गणतंत्र बनने पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद को भारत का पहला राष्ट्रपति चुना गया. उन्होंने वर्ष 1962 तक दो कार्यकाल तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया. राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने भारत के विकास और प्रगति के लिए अथक प्रयास किया. उन्होंने भारत के संविधान को आकार देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
डॉ. राजेंद्र प्रसाद को उनकी सादगी, ईमानदारी और देशभक्ति के लिए जाना जाता है. वे भारतीय इतिहास में एक सम्मानित व्यक्ति हैं और उनकी विरासत आज भी लोगों को प्रेरित करती है. वे एक विपुल लेखक भी थे और उन्होंने कई किताबें लिखीं, जिनमें “इंडिया डिवाइडेड” और “आत्मकथा” शामिल हैं. उन्हें वर्ष 1962 में भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
डॉ. राजेंद्र प्रसाद का निधन 28 फरवरी 1963 को पटना, बिहार में हुआ था. डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारतीय इतिहास के एक महान व्यक्ति थे. उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्हें उनकी सादगी, ईमानदारी और देशभक्ति के लिए हमेशा याद किया जाएगा.
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कमला नेहरू
कमला नेहरू भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण शख्सियत थीं. वह भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की पत्नी और इंदिरा गांधी की मां थीं.
कमला नेहरू का जन्म 1 अगस्त, 1899 को दिल्ली में हुआ था. उनके पिता जवाहरलालमल कौल दिल्ली के एक व्यापारी थे. उनकी माता का नाम राजपति कौल था. कमला कौल के दो छोटे भाई और एक छोटी बहन थी जिनके नाम क्रमश: चंदबहादुर कौल, कैलाशनाथ कौल और स्वरूप काट्जू थे. कमला नेहरू की प्रारंभिक शिक्षा घर पर हुई. उन्होंने कोई औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की, लेकिन वह एक बुद्धिमान और जिज्ञासु महिला थीं.
कमला नेहरू का विवाह 16 साल की उम्र में 8 फरवरी, 1916 को जवाहरलाल नेहरू से हुआ था. जवाहरलाल नेहरू उस समय 26 साल के थे और इंग्लैंड से कानून की पढ़ाई कर रहे थे. कमला और जवाहरलाल नेहरू की एक बेटी थी, इंदिरा गांधी, जिनका जन्म वर्ष 1917 में हुआ था.
कमला नेहरू भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थीं. उन्होंने असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन सहित कई आंदोलनों में भाग लिया. उन्होंने महिलाओं को स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए भी प्रोत्साहित किया. उन्होंने चरखा आंदोलन में भाग लिया और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया. कमला नेहरू को कई बार गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने जेल में भी अपना संघर्ष जारी रखा.
कमला नेहरू एक सरल और विनम्र महिला थीं. वह एक समर्पित पत्नी और मां थीं. उन्हें तपेदिक था, और उन्होंने अपने जीवन के अंतिम वर्ष बीमारी से जूझते हुए बिताए थे. उनका निधन 28 फरवरी, 1936 को स्विट्जरलैंड में हुआ था. उस वक्त उनकी उम्र 36 वर्ष की थीं.
कमला नेहरू को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान के लिए याद किया जाता है. वह एक प्रेरणादायक महिला थीं जिन्होंने महिलाओं को स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया. वह एक कुशल वक्ता थीं और उन्होंने कई सार्वजनिक सभाओं को संबोधित किया. उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
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जयेन्द्र सरस्वती
जयेन्द्र सरस्वती जिन्हें श्रीजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिगल के नाम से भी जाना जाता है, कांची कामकोटि पीठम के 69वें शंकराचार्य थे. उनका जन्म 18 जुलाई 1935 को तमिलनाडु के थिरुवनैकवल में हुआ था. वे धार्मिक और आध्यात्मिक नेता के रूप में बहुत सम्मानित थे और उनके अनुयायी उन्हें बहुत आदर और भक्ति के साथ देखते थे.
जयेन्द्र सरस्वती ने विभिन्न धार्मिक, सामाजिक और शैक्षणिक पहलों का नेतृत्व किया. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और जल संरक्षण जैसे क्षेत्रों में समुदायों की सहायता के लिए कई परियोजनाएँ चलाईं. उनके नेतृत्व में, कांची कामकोटि पीठम ने विभिन्न सामाजिक सेवा कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया.
उनका निधन 28 फरवरी 2018 को हुआ. उनके निधन के साथ, धार्मिक और आध्यात्मिक जगत ने एक प्रमुख व्यक्तित्व खो दिया. जयेन्द्र सरस्वती की विरासत उनके अनुयायियों और शिष्यों द्वारा आज भी याद की जाती है, और उनके धार्मिक और सामाजिक योगदान को बहुत सम्मानित किया जाता है.