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व्यक्ति विशेष

भाग – 402.

स्वतंत्रता सेनानी राजकुमारी अमृत कौर

राजकुमारी अमृत कौर भारत की स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता और स्वतंत्र भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री थीं. वे महात्मा गांधी की करीबी सहयोगी थीं और उन्होंने महिलाओं की शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुधार के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए.

राजकुमारी अमृत कौर का जन्म 2 फरवरी 1889 को हुआ था. वे कपर्थला के शाही परिवार से थीं और इंग्लैंड के शैक्षिक संस्थानों में पढ़ी थीं. वे महात्मा गांधी के प्रभाव में आईं और स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई. उन्होंने असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया. कई बार उन्हें जेल भी जाना पड़ा.

स्वतंत्रता के बाद, वे भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री (वर्ष 1947- 57) बनीं. उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की स्थापना में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी और टीबी एसोसिएशन ऑफ इंडिया में भी योगदान दिया.

राजकुमारी अमृत कौर का नाम भारतीय इतिहास में एक निडर महिला नेता और समाज सुधारक के रूप में दर्ज है. राजकुमारी अमृत कौर का निधन 02 अक्टूबर 1964  को दिल्ली में हुआ था.

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मोटूरि सत्यनारायण

मोटूरि सत्यनारायण, जिनका जन्म 2 फ़रवरी, 1902 को आंध्र प्रदेश में कृष्णा ज़िले के दोण्डपाडू नामक गांव में हुआ था और मृत्यु 6 मार्च, 1995 को हुई, एक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उद्यमी और स्वतंत्रता सेनानी थे. वे आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के एक छोटे से गांव मोटूरि के निवासी थे.

मोटूरि सत्यनारायण ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में भाग लिया और स्वतंत्रता संग्राम के लिए समर्थन दिया. उन्होंने नमक सत्याग्रह, खिलाफत आंदोलन, और विभाजन नहीं आंदोलन जैसे गांधीजी के आंदोलनों में भाग लिया और जेल भी गये.

मोटूरि सत्यनारायण का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में महत्वपूर्ण है, और उन्होंने अपने जीवन को स्वतंत्रता संग्राम के लिए समर्पित किया. उनकी साहसिकता और प्रतिबद्धता को सलामी दी जाती है, और उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सफलता में अपना योगदान दिया.

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उपन्यासकार खुशवंत सिंह

खुशवंत सिंह भारतीय साहित्य जगत के प्रमुख उपन्यासकार, व्यंग्यकार और पत्रकार थे. वे 2 फरवरी 1915 को पंजाब के हदाली में जन्मे थे (जो अब पाकिस्तान में है) और 20 मार्च 2014 को उनका निधन हो गया. खुशवंत सिंह अपनी विवादास्पद और निर्भीक लेखन शैली के लिए प्रसिद्ध थे. उन्होंने अपनी लेखनी में विविध विषयों का समावेश किया, जिसमें इतिहास, राजनीति, समाज, धर्म और सेक्स शामिल हैं.

खुशवंत सिंह के सबसे प्रसिद्ध उपन्यासों में “ट्रेन टू पाकिस्तान” शामिल है, जिसने वर्ष 1947 के भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान हुए मानवीय संकट का गहरा और मार्मिक चित्रण किया. यह उपन्यास उनकी सबसे महत्वपूर्ण कृतियों में से एक माना जाता है और इसने उन्हें वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई.

उनकी अन्य लोकप्रिय कृतियों में “दिल्ली: ए नॉवेल”, “द कंपनी ऑफ वुमेन”, “द हिस्ट्री ऑफ सिख्स”, और “द एंड ऑफ इंडिया” शामिल हैं. खुशवंत सिंह की लेखनी में व्यंग्य और ईमानदारी का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है.

वे “द इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया” के संपादक के रूप में भी काफी प्रसिद्ध रहे, जहाँ उन्होंने अपनी निर्भीक और विवादित संपादकीय नीतियों के लिए चर्चा बटोरी. उनका स्तंभ “With Malice towards One and All” भी काफी लोकप्रिय रहा. खुशवंत सिंह को उनके साहित्यिक और पत्रकारिता योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था, हालांकि उन्होंने बाद में इसे लौटा दिया. उनके कार्य और व्यक्तित्व आज भी भारतीय साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रेरणास्रोत हैं.

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राजनीतिज्ञ ललित नारायण मिश्रा

ललित नारायण मिश्रा एक राजनेता थे जो 1973 से 1975 तक भारत के रेलमंत्री रहे। 3 जनवरी 1975 को समस्तीपुर बम-विस्फोट कांड में उनकी मृत्यु हो गयी थी. ललित नारायण मिश्रा का जन्म 2 फरवरी 1923 को बसंतपुर, सुपौल, बिहार में हुआ था. उन्होंने अपनी शिक्षा पटना विश्वविद्यालय से पूरी की और शुरुआत में एक शिक्षाविद् के रूप में काम किया.

 ललित नारायण मिश्रा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े और स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रिय रहे. वे जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के करीबी सहयोगी थे. वे विदेश व्यापार मंत्री भी रहे और उन्होंने भारत के व्यापार को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वर्ष 1973 में वे भारत के रेल मंत्री बने. रेल मंत्री के रूप में उन्होंने भारतीय रेलवे के विकास के लिए कई योजनाएँ शुरू कीं, जिनमें नई रेलवे लाइनों का विस्तार और रेलवे आधुनिकीकरण शामिल था. वे बिहार और पूर्वी भारत में रेलवे के विस्तार पर विशेष ध्यान दे रहे थे.

3 जनवरी 1975 को, ललित नारायण मिश्रा की समस्तीपुर, बिहार में एक बम विस्फोट में मृत्यु हो गई. यह घटना उस समय हुई जब वे समस्तीपुर में एक रेलवे परियोजना का उद्घाटन कर रहे थे. उनकी हत्या भारतीय राजनीति की सबसे रहस्यमय और विवादित घटनाओं में से एक मानी जाती है. दशकों तक इस केस की जांच चली, और वर्ष 2014 में चार लोगों को इस मामले में दोषी ठहराया गया.

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अभिनेत्री शमिता शेट्टी

शमिता शेट्टी एक प्रमुख भारतीय फ़िल्म अभिनेत्री, इंटीरियर डिजाइनर, मॉडल हैं. उनका जन्म 2 फ़रवरी 1979 को मंगलोर, कर्नाटक में हुआ था. उनकी बड़ी बहन शिल्पा शेट्टी (बॉलीवुड अभिनेत्री) और बहनोई राज कुंद्रा (व्यवसायी) है.  शमिता शेट्टी ने 2000 में यशराज फिल्म्स की सुपरहिट मूवी “मोहब्बतें” से बॉलीवुड में डेब्यू किया. इस फिल्म में उनके किरदार “ईशिका” को काफी पसंद किया गया, और इसके लिए उन्हें आईफा बेस्ट डेब्यू अवॉर्ड भी मिला.

फिल्में: – मोहब्बतें (2000), मेरे यार की शादी है (2002), ज़हर (2005), फरेब (2005),  कैश (2007), हे बेबी (2007).

शमिता ने हिंदी फिल्मों के अलावा तमिल और तेलुगु फिल्मों में भी काम किया है. उन्होंने कई रियलिटी शोज़ में हिस्सा लिया और काफी पॉपुलर हुईं: –

बिग बॉस 3 (2009) – प्रतियोगी के रूप में,

झलक दिखला जा 8 (2015) – डांस,

फियर फैक्टर: खतरों के खिलाड़ी 9 (2019),

बिग बॉस OTT (2021) – फाइनलिस्ट,

बिग बॉस 15 (2021-22) – टॉप 5, फाइनलिस्ट.

शमिता सिर्फ एक अभिनेत्री ही नहीं, बल्कि एक सफल इंटीरियर डिजाइनर भी हैं. उन्होंने मुंबई के कई लक्जरी होटलों और प्रतिष्ठानों के लिए डिज़ाइनिंग की है. बिग बॉस OTT में उनका अभिनेता राकेश बापट के साथ रिश्ता चर्चा में रहा, लेकिन बाद में दोनों का ब्रेकअप हो गया.

शमिता शेट्टी ने अपनी बहन शिल्पा शेट्टी की तरह बॉलीवुड में बहुत ज़्यादा फिल्में नहीं कीं, लेकिन उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई. उनके डांस मूव्स, स्टाइल और रियलिटी शोज़ में परफॉर्मेंस ने उन्हें फैंस के बीच लोकप्रिय बना दिया.

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अभिनेत्री संदीपा धर

संदीपा धर एक अभिनेत्री, मॉडल और डांसर है. संदीपा धर का जन्म 2 फरवरी 1989 को श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर के एक कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा राष्ट्रीय सार्वजनिक विद्यालय (National Public School), बेंगलुरु से पूरी की और बाद में मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई की. संदीपा भारतीय शास्त्रीय नृत्य (भरतनाट्यम और जैज़) में प्रशिक्षित डांसर हैं और उन्होंने मशहूर गुरु वीमला गुप्ता से प्रशिक्षण लिया है.

संदीपा धर ने वर्ष 2010 में राजश्री प्रोडक्शंस की फिल्म “इसी लाइफ में” से बॉलीवुड में डेब्यू किया. इस फिल्म में उनकी परफॉर्मेंस को सराहा गया और उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट डेब्यू अवॉर्ड के लिए नॉमिनेशन भी मिला.

फिल्में: – इसी लाइफ में (2010), डीओए: डेथ ऑफ अमर (2014), हीरोपंती (2014), ग्लोबल बाबा (2016), कार्गो (2020).

संदीपा ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी अपनी पहचान बनाई है और कई वेब सीरीज़ में नज़र आई हैं – अभय (2019-2022), मम भैरवी (2022), ड्रिम्स ऑफ टूथ (2023), क्रैकडाउन (2020-2023).

संदीपा सिर्फ एक अभिनेत्री ही नहीं, बल्कि एक शानदार डांसर भी हैं. उन्होंने शास्त्रीय नृत्य और जैज़ डांसिंग में विशेषज्ञता हासिल की है. उन्होंने टेरेंस लुईस डांस अकादमी से भी डांस का प्रशिक्षण लिया है और कई स्टेज परफॉर्मेंस दी हैं. संदीपा धर ने बॉलीवुड में धीरे-धीरे अपनी जगह बनाई है. वह अपनी शानदार डांसिंग और एक्टिंग टैलेंट के लिए जानी जाती हैं. सोशल मीडिया पर भी वह काफी लोकप्रिय हैं और अपने डांस वीडियोज़ और फिटनेस पोस्ट के लिए सुर्खियों में रहती हैं.

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आचार्य चतुरसेन शास्त्री

आचार्य चतुरसेन शास्त्री एक प्रमुख हिंदी उपन्यासकार थे। उनका जन्म  26 अगस्त, 1891 को चांदोख ज़िला बुलन्दशहर, उत्तर प्रदेश में हुआ था हुआ था और उनकी मृत्यु 2 फ़रवरी, 1960 को हुई थी.

आचार्य चतुरसेन शास्त्री ने अपने जीवन के दौरान कई महत्वपूर्ण हिंदी उपन्यास लिखे, जिनमें वैशाली की नगरवधू, वयं रक्षाम, सोमनाथ, मन्दिर की नर्तकी, रक्त की प्यास शामिल हैं. उनके उपन्यास धार्मिक और ऐतिहासिक विषयों पर आधारित थे और वे अपने लेखन में विशेष रूप से भारतीय संस्कृति और इतिहास के प्रति अपनी गहरी रुचि को प्रकट करते थे.

आचार्य चतुरसेन शास्त्री के उपन्यास भारतीय साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और उन्होंने हिंदी भाषा को एक नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया. उनके काम को हिंदी साहित्य के अनमोल रत्नों में से एक के रूप में माना जाता है. 

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अभिनेता विजय अरोड़ा

विजय अरोड़ा 70-80 के दशक के चॉकलेटी बॉय के नाम से जाने जाते थे. उनका जन्म 27 दिसंबर 1944  को अमृतसर में हुआ था और उनकी मृत्यु  2 फरवरी 2007 को मुंबई में हुई थी.  उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत फिल्म यादों की बारात से अपना डेब्यू किया था.

फ़िल्में : – राखी और हथकड़ी, सबसे बड़ा सुख, फागुन, इंसाफ, कादंबरी, ‘रोटी’, ‘सरगम’, ‘बड़े दिलवाला’, ‘जीना तेरे नाम’ और ‘इंडियन बाबू’ .

विजय अरोड़ा की जितनी लोकप्रियता बड़े पर्दे पर थी उससे कहीं ज्यादा लोकप्रियता छोटे पर्दे पर मिली.  विजय अरोड़ा ने 1987 में प्रसारित हुए टीवी शो रामायण में उन्होंने मेघनाद का किरदार निभाया और भारतीय घरों में ‘मेघनाथ’ के नाम से मशहूर हो गये. 

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