
स्वामी विवेकानन्द
स्वामी विवेकानन्द एक प्रमुख भारतीय संत, विचारक, और समाज सुधारक थे, जिन्होंने भारतीय दर्शन और वेदांत को पश्चिमी दुनिया में प्रस्तुत किया. वे अपने प्रेरणादायक व्याख्यानों और लेखन के लिए प्रसिद्ध हैं, और उनके विचार आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं.
स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था. उनका मूल नाम नरेंद्रनाथ दत्त था. उन्होंने अपने प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता में पूरी की और बाद में प्रेसीडेंसी कॉलेज और स्कॉटिश चर्च कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की.
नरेंद्रनाथ की मुलाकात उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस से वर्ष1881 में हुई. रामकृष्ण परमहंस के साथ उनकी घनिष्ठता ने उनकी आध्यात्मिक यात्रा की दिशा बदल दी. रामकृष्ण परमहंस की मृत्यु के बाद, नरेंद्रनाथ ने संन्यास धारण कर लिया और स्वामी विवेकानन्द नाम धारण किया.
वर्ष 1893 में स्वामी विवेकानन्द ने शिकागो में विश्व धर्म महासभा में भाग लिया, जहां उन्होंने अपने प्रसिद्ध भाषण की शुरुआत “मेरे अमेरिकी भाइयों और बहनों” से की, जिसने सभी को प्रभावित किया. इस महासभा में उन्होंने वेदांत और भारतीय संस्कृति के बारे में बताया और विश्व में भारतीय अध्यात्म का प्रसार किया.
वर्ष 1897 में स्वामी विवेकानन्द ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, जिसका उद्देश्य समाज सेवा और आध्यात्मिकता का प्रसार था. यह मिशन आज भी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, और समाज सेवा के क्षेत्रों में कार्यरत है. स्वामी विवेकानन्द ने कई महत्वपूर्ण ग्रंथ और लेख लिखे, जिनमें “राजयोग”, “ज्ञानयोग”, “कर्मयोग” और “भक्तियोग” शामिल हैं. उनके लेखन में जीवन, अध्यात्म, और समाज के विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार प्रस्तुत किए गए हैं.
स्वामी विवेकानन्द ने मानवता की सेवा और आत्म-साक्षात्कार पर जोर दिया. उनका मानना था कि हर व्यक्ति में दिव्यता है और इसे पहचानना ही जीवन का लक्ष्य है. उन्होंने सामाजिक समानता, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए भी महत्वपूर्ण कार्य किया. स्वामी विवेकानन्द का निधन 4 जुलाई 1902 को बेलूर मठ, पश्चिम बंगाल में हुआ था.
उनका जीवन और उनके विचार आज भी लाखों लोगों को प्रेरणा देते हैं. उनका संदेश और उनकी शिक्षाएं न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं.
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स्वतंत्रता सेनानी भगवान दास
स्वतंत्रता सेनानी भगवान दास, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख महान वीर और महान कवि थे. उनका जन्म 12 जनवरी 1869 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था और उनका निधन 18 सितम्बर 1958 को हुआ. भगवान दास भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण योद्धा बने. उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ सख्त विरोध किया और अपने कविताओं के माध्यम से लोगों को जागरूक किया.
दास की कविताएँ और गीत स्वतंत्रता संग्राम के समय के जनमानस की भावनाओं को बयां करती थीं और लोगों को आजादी के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा देती थीं. उनकी लोकप्रिय कविता “करम की धरती पर” भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक मानी जाती है. दास का योगदान स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में महत्वपूर्ण है और उन्होंने अपने साहित्यिक कौशल के माध्यम से भारतीय जनमानस को एकजुट किया और उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरित किया. उनकी स्मृति में भारत सरकार ने 1969 में एक डाक टिकट जारी किया था.
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महर्षि महेश योगी
महर्षि महेश योगी, जिनका मूल नाम महेश प्रसाद था, एक प्रमुख हिन्दू गुरु और ध्यान शिक्षक थे, जो महाराष्ट्र राज्य के नासिक शहर में अपने आध्यात्मिक कार्य के लिए प्रसिद्ध थे. उन्होंने त्रांस्सेंडेंटल मेडिटेशन का प्रचार और शिक्षा किया और उनकी दिशा में कई लोगों ने ध्यान और आध्यात्मिकता की ओर प्रवृत्त हुए.
महर्षि महेश योगी ने महाराष्ट्र में एक साधना केंद्र स्थापित किया और वहाँ ध्यान के उपायों का उपयोग करने की शिक्षा दी. उन्होंने त्रांस्सेंडेंटल मेडिटेशन को विशेष रूप से प्रस्तुत किया, जिसमें ध्यान करने के लिए एक मंत्र का उपयोग किया जाता है. उनका मानना था कि ध्यान व्यक्ति की आत्मा को शांति और सुख की दिशा में मदद कर सकता है.
महर्षि महेश योगी का जन्म 12 जनवरी 1918 को छत्तीसगढ़ के राजिम शहर के पास पांडुका गाँव में हुआ था और उनका निधन 5 फ़रवरी 2008 को हुआ. उनके द्वारा प्रचारित ध्यान तकनीक त्रांस्सेंडेंटल मेडिटेशन आज भी विभिन्न भागों में प्रचलित है और उनका आध्यात्मिक योगदान महत्वपूर्ण माना जाता है.
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संगीतकार सी. रामचन्द्र
सी. रामचन्द्र का जन्म 12 जनवरी 1918 को हुआ था और उनकी मृत्यु 5 जनवरी 1982 को हुई. उनका पूरा नाम रामचंद्र नरहर चितलकर है जबकि लोग उन्हें सी. रामचंद्र या चितलकर या अन्ना साहब के नाम से जानते थे.
रामचन्द्र एक प्रमुख भारतीय संगीतकार और संगीत निर्माता थे. वे भारतीय सिनेमा में अपने अद्वितीय संगीत की बजाय जाने जाते हैं और उन्होंने अपने संगीत के कई हिट गाने प्रस्तुत किए.
सी. रामचन्द्र ने भारतीय सिनेमा के गोल्डन एरा में अपने संगीत के लिए प्रसिद्ध हुए और उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों के लिए कई हिट गाने बनाए, जैसे कि “एक लड़की भीगी भागी सी,” “आवारा हूँ,” “मेरे सपनों में आने वाला पल,” और “आवें जावें ते मैंडवा” आदि.
सी. रामचन्द्र के संगीत का महत्वपूर्ण हिस्सा भारतीय सिनेमा की धाराओं को बदल दिया और उन्होंने अपने संगीत के माध्यम से संगीतकारों की नई परंपरा की शुरुआत की. उन्हें अपने योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है.
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राजनीतिज्ञ मुफ़्ती मोहम्मद सईद
मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू और कश्मीर के दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं. उनका जन्म 12 जनवरी 1936 को हुआ था और उनकी मृत्यु 7 जनवरी 2016 को हुई.
मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू और कश्मीर के सियासी मंच पर कई दशकों तक अध्यक्ष भूमिका निभाने वाले एक प्रमुख राजनीतिज्ञ थे. मुफ्ती मोहम्मद सईद ने जम्मू और कश्मीर में जनता की जरूरियों को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक समझदारी का प्रतीक बनाया और उन्होंने भारतीय सरकार से बेहतर संबंध स्थापित करने का प्रयास किया. उन्होंने भारतीय राजनीति में अपना विशेष स्थान बनाया और उन्होंने जम्मू और कश्मीर के मामलों को अधिक उद्देश्यपूर्ण तरीके से देखने का प्रयास किया.
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राजनीतिज्ञ एम. वीरप्पा मोइली
एम. वीरप्पा मोइली भारतीय राजनीतिज्ञ और कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे. उनका जन्म 12 जनवरी 1940 को कर्नाटक राज्य के मंड्य जिले में हुआ था. वे भारतीय संसद के दोनों सदनों में सदस्य रहे हैं और उन्होंने विभिन्न सरकारी पदों पर काम किया है.
एम. वीरप्पा मोइली ने अपनी राजनितिक कैरियर की शुरुआत कर्नाटक राज्य किया . उन्होंने राज्य सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में मंत्री रहे हैं, जैसे कि वित्त मंत्री और बेल्लारी मंत्री आदि. मोइली ने भी भारत सरकार में मंत्री के रूप में कई पदों पर काम किया, जैसे कि पेट्रोलियम और नैचरल गैस मंत्री, उद्योग और वाणिज्य मंत्री, और न्याय मंत्री. उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमता और योगदान के लिए कई बार सरकारी और राजनीतिक मंडलों में महत्वपूर्ण भूमिकाओं में काम किया है.
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अभिनेता अरुण गोविल
अरुण गोविल एक फ़िल्म और टेलीविजन अभिनेता हैं, जिनका जन्म 30 जुलाई 1958 को हुआ था. अरुण गोविल का सबसे प्रसिद्ध किरदार “रामायण” में भगवान राम की भूमिका, जो वर्ष 1987 में प्रसारित हुआ था. अरुण गोविल ने अपने कैरियर के दौरान फ़िल्मों और टेलीविजन शो में काम किया, जिसमें “विक्रम और बेताल,” “महाभारत,” “मुझसे दोस्ती करोगे?” आदि शामिल हैं.
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राजनीतिज्ञ अजय माकन
अजय माकन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं. उनका जन्म 12 जनवरी 1964 को हुआ था. माकन ने अपना कैरियर राजनीति में बनाया और वे दिल्ली से लोकसभा सदस्य रहे हैं. उन्होंने अपने सियासी कैरियर के दौरान कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष और वाणिज्यिक मंत्रालय के मंत्री के रूप में काम किया.
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प्रियंका गाँधी
प्रियंका गांधी वाड्रा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं. उनका जन्म 12 जनवरी 1972 को हुआ था. प्रियंका गांधी भारतीय राजनीति में अपने परिवार के महत्वपूर्ण सदस्यों के रूप में प्रसिद्ध हैं, क्योंकि वे जवाहरलाल नेहरू के परिवार के सदस्यों की नौवीं पीढ़ी के सदस्य हैं.
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शास्त्रीय गायक कुमार गंधर्व
कुमार गंधर्व, जिनका वास्तविक नाम शिवपुत्र कोम्कलिमाथ था. वो भारतीय शास्त्रीय संगीत के एक असाधारण गायक थे. उनका जन्म 8 अप्रैल 1924 को कर्नाटक के सूळिभावी गांव में हुआ था. कुमार गंधर्व को उनके अद्वितीय गायन शैली और रागों की उनकी अनूठी व्याख्या के लिए जाना जाता है.
उन्होंने अपने संगीत में पारंपरिकता और आधुनिकता का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया. कुमार गंधर्व ने कभी भी शास्त्रीय संगीत के पारंपरिक नियमों को सीमित नहीं माना और उन्होंने रागों के साथ प्रयोग करने में कोई संकोच नहीं किया. इससे उनका संगीत कुछ लोगों के लिए विवादास्पद भी बना, लेकिन बहुत से लोगों ने इसे नवाचारी माना.
उनके संगीत कैरियर में एक बड़ी बाधा तब आई जब उन्हें ट्यूबरक्लोसिस का पता चला, जिसके कारण उन्हें लंबे समय तक गायन से दूर रहना पड़ा. हालाँकि, उन्होंने इस चुनौती का सामना किया और स्वस्थ होने के बाद अपने संगीत कैरियर को फिर से शुरू किया.
कुमार गंधर्व ने निमाड़ी लोक गीतों के साथ-साथ भक्ति संगीत में भी महारत हासिल की थी. उनके गायन में आध्यात्मिकता की एक गहरी भावना मौजूद थी, जो श्रोताओं को गहराई से प्रभावित करती थी.
कुमार गंधर्व को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से नवाजा गया, जिनमें पद्म विभूषण भी शामिल है. उनका निधन 12 जनवरी 1992 को हुआ था, लेकिन उनके संगीत की विरासत आज भी जीवित है और शास्त्रीय संगीत के प्रेमियों द्वारा सराही जाती है.
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राजनीतिज्ञ रामकृष्ण् हेगड़े
रामकृष्ण हेगड़े कर्नाटक राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं. उनका जन्म 29 अगस्त 1926 को कर्नाटक राज्य के सिरसी जिले में हुआ था, और उन्होंने भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
रामकृष्ण हेगड़े का प्रमुख रूप से संघटना (सोशलिस्ट) जनता पार्टी (एस.जे.पी) के सदस्य और नेता के रूप में योगदान था. वे कर्नाटक राज्य में बीते कुछ दशकों तक कई बार मुख्यमंत्री रहे और राज्य के विकास और प्रशासन में महत्वपूर्ण योगदान किया.
रामकृष्ण हेगड़े के शासकीय कैरियर के दौरान, कर्नाटक में कई सामाजिक और आर्थिक सुधार कार्यक्रमों की शुरुआत की गई, और उन्होंने राज्य की विकास के लिए कई महत्वपूर्ण पहलों को आगे बढ़ाया. उन्होंने आर्थिक विकास, किसानों के हित में सुधार, शिक्षा के क्षेत्र में सुधार, और सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध थे.
रामकृष्ण हेगड़े का निधन 12 जनवरी 2004 को हुआ, लेकिन उनका योगदान और उनकी सेवाएँ कर्नाटक राज्य और भारतीय राजनीति के इतिहास में याद की जाती हैं.
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अभिनेता अमरीश पुरी
अमरीश पुरी भारतीय सिनेमा के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे, जिन्हें उनकी विलेन भूमिकाओं के लिए जाना जाता है. उनका जन्म 22 जून 1932 को पंजाब में हुआ था. अमरीश पुरी ने अपने अभिनय कैरियर की शुरुआत रंगमंच से की और बाद में फिल्मों में काम करने लगे.
अमरीश पुरी ने हिंदी फिल्मों के अलावा कन्नड़, पंजाबी, मलयालम, तेलुगु और तमिल फिल्मों में भी अभिनय किया. उन्होंने स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म “इंडियाना जोन्स एंड द टेम्पल ऑफ डूम” में भी मोगैंबो की भूमिका निभाई थी, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली.
उनकी सबसे यादगार भूमिका फिल्म “मिस्टर इंडिया” (1987) में मोगैंबो की थी, जिसमें उनका डायलॉग “मोगैंबो खुश हुआ” बहुत लोकप्रिय हुआ. इसके अलावा, उन्होंने “दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे,” “करन अर्जुन,” “नगीना,” और “विधाता” जैसी कई प्रसिद्ध फिल्मों में अभिनय किया.
अमरीश पुरी को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार मिले. वे 12 जनवरी 2005 को 72 वर्ष की आयु में दुनिया से चले गए. उनके अद्वितीय अभिनय कौशल और शक्तिशाली उपस्थिति ने उन्हें भारतीय सिनेमा का एक आइकन बना दिया.