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शुभकामना…
9 वीं शताब्दी में राजशेखर ने “काव्यमीमांसा” में इसे “दीपमालिका” कहा है, जिसमें घरों की पुताई की जाती थी और तेल के दीयों से रात में घरों, सड़कों और बाजारों को सजाया जाता था.
समस्त देशवासियों व राज्यवासियों को ज्ञानसागरटाइम्स परिवार की ओर से दीपोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ.