औषधीय गुणों की खान है इलायची…
भारतीय खान-पान में कई मसालों का प्रयोग किया जाता है. ये मसाले सिर्फ मसाले ही नहीं आयुर्वेदिक औषधी भी होतें है. उन्ही मसालों में एक मसाला है इलायची. इलायची को अंग्रेजी में Cardamom कहा जाता है इसका वैज्ञानिक नाम एलेटेरिआ कार्डामोमम (Elettaria cardamomum) है. संस्कृत में इलायची को ‘एला’ कहा जाता है. मूलत: इलायची सात प्रकार के (हरी इलायची, बड़ी इलायची, काली इलायची, भूरी इलायची, नेपाली इलायची. बंगाल इलायची, या लाल इलायची) होते है. भारतीय खान-पान में इलायची का इस्तेमाल फ्लेवर के लिए किया जाता है. यह खाने की खुशबु को बढाने का काम करती है. इलायची को मसालों की रानी भी कहा जाता है. बताते चलें कि यह दुनिया का तीसरा सबसे महंगा मसाला है.
इलायची का सेवन आमतौर पर मुखशुद्धि के लिए अथवा मसाले के रूप में किया जाता है. ज्यादातर दो प्रकार की इलायची का सेवन आमतौर पर होता है (हरी या छोटी इलायची तथा बड़ी इलायची).बड़ी इलायची व्यंजनों को लजीज बनाने के लिए किया जाता है वहीं, हरी या छोटी इलायची का इस्तेमाल पूजा-पाठ, मिठाइयों व मुखशुद्धि के लिए किया जाता है. इसकी महत्ता केवल यहीं तक सीमित नहीं है बल्कि औषधीय गुणों की खान है इलायची. आयुर्वेद के अनुसार, इसकी तासीर गर्म होती है साथ ही इलाचयी शीतल, तीक्ष्ण, मुख को शुद्ध करनेवाली, पित्तजनक तथा वात, श्वास, खाँसी, बवासीर, क्षय, वस्तिरोग, सुजाक, पथरी, खुजली, मूत्रकृच्छ तथा हृदयरोग में लाभदायक होता है.
पोषक तत्व: –
इलायची में कई प्रकार के पोषक तत्व की मात्रा प्रति 100 ग्राम कैलोरी -311 कुल वसा 7 ग्राम 10% संतृप्त वसा 0.7 ग्राम 3% पॉलीअनसेचुरेटेड वसा 0.4 ग्राम मोनोअनसैचुरेटेड वसा 0.9 ग्राम कोलेस्ट्रॉल 0 मिलीग्राम 0% सोडियम 18 मिलीग्राम 0% पोटेशियम 1,119 मिलीग्राम 31% कुल कार्बोहाइड्रेट 68 ग्राम 22% आहार फाइबर 28 ग्राम 112% प्रोटीन 11 ग्राम 22% विटामिन ए 0% विटामिन सी 35% कैल्शियम 38% लौह 77% विटामिन डी 0% विटामिन बी -6 10% कोबालामाइन 0% मैग्नीशियम पाये जाते हैं.
खेती: –
इलायची की खेती उष्णकटिबंधीय जंगलों में की जाती है. इसकी खेती के लिए छाया और समुद्री हवा में नमी का होना जरूरी होता है. इसकी खेती लाल और दोमट मिट्टी में की जाती है. इसकी खेती के लिए 1500 मिलीमीटर बारिश का होना जरूरी है. इलायची की खेती के लिए हवा में नमी और छायादार जगह का होना जरूरी होता है.इलायची की खेती के लिए सामान्य तापमान की जरूरत होती है. लेकिन सर्दियों में न्यूनतम 10 डिग्री और गर्मियों में अधिकतम 35 डिग्री तापमान पर भी पौधे का विकास अच्छा होता है. छोटी इलायची का पौधा सदा हरा तथा 05 फुट से 10 फुट तक ऊँचा होता है. इसके पत्ते बर्छे की आकृति के तथा दो फुट तक लंबे होते हैं. यह बीज और जड़ दोनों से उगता है.
तीन चार वर्ष में फसल तैयार होती है तथा इतने ही काल तक इसमें गुच्छों के रूप में फल लगते हैं। सूखे फल बाजार में ‘छोटी इलायची’ के नाम से बिकते हैं.पौधे का जीवकाल 10 से लेकर 12 वर्ष तक का होता है.इसके बीज छोटे और कोनेदार होते हैं.छोटी इलायची की खेती भारत से लेकर मलेशिया तक की जाती है जबकि, बड़ी, काली, भूरी, बंगाली और नेपाली इलायची की खेती एशिया और आस्ट्रेलिया में की जाती है. काली इलायची मूल रूप से पूर्वी हिमालय क्षेत्र से संबंध रखती है.इसकी खेती ज्यादातर सिक्किम, पूर्वी नेपाल और भारत के पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में की जाती है.यह रंग में भूरी होती है और आकार में थोड़ी लंबी होती है.
ज्ञात है कि, छोटी इलायची को ‘अलटेरीया’ जबकि, बड़ी इलायची को ‘ऍमोमम’ के नाम से जाना जाता है. भारत में इलायची का उत्पादन केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में सबसे ज्यादा किया जाता है. बताते चलें कि, इलायची उत्पादक देशों में भारत का नाम पहले नंबर पर आता है.
इलायची के फायदे: –
- इलायची का उपयोग मेटाबॉलिज्म को उत्तेजित करने के साथ-साथ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियों जैसे दस्त व गैस आदि के रोकथाम के लिए किया जाता है.
- इलायची कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करता है.
- इलायची का इस्तेमाल करने से डिप्रेशन व तनाव दूर होता है.
- अस्थमा के मरीजों को इलायची का सेवन फायदेमंद होता है.
- इलायची के सेवन से मुंह के रोग दूर होते हैं साथ ही साँसों की दुर्गंध भी नहीं होती है.
- इलायची रक्तचाप को कम करने में मदद करती है.
- इलायची के सेवन से हिचकी नही होती है.
- यह भूख को बढाने में सहायक होती है.
- इलायची के सेवन से याददाश्त शक्ति बढती है.
- इलायची के सेवन से शरीर के रक्त संचालन को सुचारू रूप से चलाने में मदद करती है.
- आयुर्वेद के अनुसार, इलायची के सेवन से यौन ऊर्जा को बढ़ाने में सहायक होता है.
- इलायची कैंसर को पनपने से रोकने में मदद करती है.
- इलायची के सेवन से शरीर में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को निकालने में मदद करती है.
- इलायची का प्रयोग त्वचा संबंधी विकारों को दूर करने में भी किया जाता है.
- इलायची के तेल का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है. यह होंठ को चिकना और खूबसूरत बनाने का काम करता है.
- इलायची के तेल का इस्तेमाल बालों के लिए किया जाता है.
- काली इलायची विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है.
- इलायची रोम छिद्रों को पोषित करने का काम करती है.
इलायची के नुक्सान: –
कहा जाता है कि, हर चीज की अति नुकसानदायक होता है. इलायची को अधिक मात्रा में खाने से पेट और पाचन से जुड़ी समस्या होने लगती है.
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Cardamom is a storehouse of medicinal properties…
Many spices are used in Indian food. These spices are not just spices but also Ayurvedic medicines. One of those spices is cardamom. Cardamom is called Cardamom in English; its scientific name is Elettaria cardamomum. Cardamom is called ‘Ela’ in Sanskrit. There are seven types of cardamom (green cardamom, big cardamom, black cardamom, brown cardamom, Nepali cardamom, Bengal cardamom, or red cardamom). Cardamom is used to flavour Indian food. It works to enhance the aroma of food. Cardamom is also called the queen of spices. Let us tell you that it is the third most expensive spice in the world.
Cardamom is usually consumed for mouth freshening or as a spice. Two types of cardamom are mostly consumed (green or small cardamom and big cardamom). Big cardamom is used to make dishes tasty, whereas green or small cardamom is used for worship, sweets and mouth freshening. Its importance is not limited to this; cardamom is a storehouse of medicinal properties. According to Ayurveda, its effect is hot and cardamom is also cold and sharp, purifies the mouth, produces bile and is beneficial in Vata, asthma, cough, piles, tuberculosis, venereal diseases, gonorrhoea, stones, itching, urinary tract infection and heart diseases.
Nutrients: –
Cardamom contains many types of nutrients per 100 grams Calories -311 Total Fat 7 grams 10% Saturated Fat 0.7 grams 3% Polyunsaturated Fat 0.4 grams Monounsaturated Fat 0.9 grams Cholesterol 0 mg 0% Sodium 18 mg 0% Potassium 1,119 mg 31% Total Carbohydrates 68 grams 22% Dietary Fiber 28 grams 112% Protein 11 grams 22% Vitamin A 0% Vitamin C 35% Calcium 38% Iron 77% Vitamin D 0% Vitamin B-6 10% Cobalamin 0% Magnesium.
Cultivation: –
Cardamom is cultivated in tropical forests. For its cultivation, shade and moisture in the sea air are necessary. It is cultivated in red and loamy soil. For its cultivation, 1500 mm of rain is necessary. For the cultivation of cardamom, it is necessary to have moisture in the air and in a shady place. Normal temperature is required for the cultivation of cardamom. But the plant grows well even at a minimum temperature of 10 degrees in winter and a maximum of 35 degrees in summer. The small cardamom plant is evergreen and is 5 to 10 feet tall. Its leaves are spear-shaped and up to two feet long. It grows from both seeds and roots. The crop is ready in three to four years and fruits grow in bunches in the same period. The dried fruits are sold in the market as ‘small cardamom’. The life span of the plant is 10 to 12 years. Its seeds are small and angular. Small cardamom is cultivated from India to Malaysia, whereas, big, black, brown, Bengali and Nepali cardamom are cultivated in Asia and Australia. Black cardamom originally belongs to the eastern Himalayan region. It is cultivated mostly in Sikkim, eastern Nepal and some parts of West Bengal of India. It is brown and slightly longer in size.
It is known that small cardamom is known as ‘Alteria’ while big cardamom is known as ‘Amomum’. In India, cardamom is produced the most in Kerala, Karnataka and Tamil Nadu. Let us tell you that India ranks first among cardamom-producing countries.
Benefits of cardamom: –
- Cardamom is used to stimulate metabolism as well as to prevent gastrointestinal diseases such as diarrhoea and gas etc.
- Cardamom also helps in reducing cholesterol levels.
- Using cardamom relieves depression and stress.
- Consumption of cardamom is beneficial for asthma patients.
- Consumption of cardamom cures oral diseases and also prevents bad breath.
- Cardamom helps in reducing blood pressure.
- Consumption of cardamom prevents hiccups.
- It helps in increasing appetite.
- Consumption of cardamom increases memory power.
- Consumption of cardamom helps in smooth blood circulation of the body.
- According to Ayurveda, the consumption of cardamom helps in increasing sexual energy.
- Cardamom helps in preventing cancer from developing.
- Consumption of cardamom helps in removing harmful bacteria present in the body.
- Cardamom is also used to remove skin-related disorders.
- Cardamom oil is used in cosmetics. It works to make the lips smooth and beautiful.
- Cardamom oil is used for hair.
- Black cardamom helps in removing toxins.
- Cardamom works to nourish the pores.
Disadvantages of cardamom: –
It is said that excess of everything is harmful. Eating cardamom in excess causes stomach and digestion-related problems.