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विश्व शौचालय दिवस

दुनियाभर में अभी भी करोड़ों लोग खुले में शौच करने पर मजबूर हैं. असुरक्षित स्वच्छता से डायरिया, कुपोषण और जलजनित बीमारियां फैलती हैं. सुरक्षित शौचालयों की कमी से महिलाओं और लड़कियों को असुरक्षा और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

विश्व शौचालय दिवस हर वर्ष 19 नवंबर को मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य स्वच्छता, स्वास्थ्य और साफ-सफाई के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, खासतौर पर शौचालयों की आवश्यकता और सुरक्षित स्वच्छता के महत्व को उजागर करना.

विश्व शौचालय संगठन (World Toilet Organization) ने वर्ष 2001 में इसकी शुरुआत की. संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2013 में इसे एक आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मान्यता दी.

विश्व शौचालय दिवस का उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को स्वच्छ और सुरक्षित शौचालय का अधिकार दिलाना. इस दिन लोगो को खुले में शौच के कारण होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी देना व रोकने के लिए स्वच्छता का प्रचार करना. संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (SDG) 6 के तहत वर्ष 2030 तक “सभी के लिए स्वच्छता” सुनिश्चित करना.

भारत में, स्वच्छ भारत अभियान और शौचालय निर्माण योजनाओं ने इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाई, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लाखों शौचालय बनाए गए.

विश्व शौचालय दिवस हमें याद दिलाता है कि स्वच्छता एक मौलिक अधिकार है और इसका पालन करके हम न केवल खुद को बल्कि पूरे समाज को स्वस्थ और सुरक्षित बना सकते हैं.

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World Toilet Day

Billions of people around the world are still forced to defecate in the open. Unsafe sanitation leads to diarrhoea, malnutrition and waterborne diseases. The lack of safe toilets causes insecurity and health problems for women and girls.

World Toilet Day is celebrated every year on 19 November. The purpose of this day is to raise awareness about the importance of hygiene, health and cleanliness, especially to highlight the need for toilets and the importance of safe sanitation.

The World Toilet Organization started in the year 2001. The United Nations recognized it as an official international day in the year 2013.

The purpose of World Toilet Day is to give every person the right to a clean and safe toilet. On this day, people are informed about the diseases caused by open defecation and to promote cleanliness to prevent it. To ensure “sanitation for all” by the year 2030 under the United Nations Sustainable Development Goal (SDG) 6. In India, the Swachh Bharat Abhiyan and toilet construction schemes have contributed significantly in this direction. Prime Minister Narendra Modi made it a national priority, leading to the construction of millions of toilets in rural and urban areas.

World Toilet Day reminds us that cleanliness is a fundamental right and by following it we can make not only ourselves but the entire society healthy and safe.

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