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शिव-बारात…
पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार, फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को भगवान शंकर का ब्याह या यूँ कहें कि, माता पार्वती से भोलेनाथ का विवाह हुआ था. माता पार्वती भी भगवान गंगाधर को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. उसके बाद माता का विवाह भगवान विशेश्वर से हुआ था. भगवान मृत्युंजय ने माता पार्वती से विवाह के दौरान सात वचन दिए थे, तभी से ये परम्परा वर्तमान समय तक चला आ रहा है.
संकलन :- ज्ञानसागरटाइम्स टीम.
Video Link:- https://youtu.be/LmSeWg_pH6g