एनर्जी ड्रिंक…

आज हम बात कर रहें हैं एनर्जी ड्रिंक की. एनर्जी को आसन भाषा में शक्ति, ताकत या ऊर्जा कहते हैं. वहीँ ड्रिंक का अर्थ होता है पीना. आजकल भारतीय बाजारों में कई प्रकार के एनर्जी ड्रिंक मौजूद हैं और उनके दीवानों की फेरहिस्ट काफी लंबी है. एनर्जी ड्रिंक का अर्थ होता है वैसा पदार्थ हो जिसे पीने के बाद ताकत, ऊर्जा या शक्ति मिले. आज हम आपको नैचुरल एनर्जी ड्रिंक ‘लस्सी’ के बारे में बात कर रहें हैं.
लस्सी का मुख्य इंटीग्रेंट है दही. बताते चलें कि लस्सी एक पारंपरिक दक्षिण एशियाई पेय है जो खासतौर पर उत्तर एवं पश्चिम भारत तथा पाकिस्तान में काफी लोकप्रिय है.उत्तर भारत के लोग मीठी लस्सी का प्रयोग करते हैं वहीँ दक्षिन भारत के लोग नमकीन लस्सी का प्रयोग करते हैं. भारतीय घरों में गर्मियों के दिनों में अक्सर लोग इसे एनर्जी ड्रिंक के रूप में भी पीते है. वैसे तो लस्सी को आप किसी भी मौसम में पी सकते हैं. सनातन परम्परा को मानने वाले पौराणिक काल से ही दही और उससे बने पदार्थों का प्रयोग करते हैं. जिसका प्रत्यश प्रमाण है नटखट बाल गोपाल.
ज्ञात है कि दूध से दही का निर्माण होता है. इसके निर्माण में किण्वन का काफी योगदान होता है दही का प्रयोग सिर्फ भारत में ही नहीं पूरी दुनिया के लोग करते हैं. दही में बहुत सारे न्यूट्रीशन होते है जैसे प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, बिटामिन B-6 और विटामिन बी-12। ये सारे न्यूट्रीशन हमारे शरीर के लिये बहुत फायदेमंद होते है. दही खाना पचने में मदद करता है साथ ही हड्डियों और दांतों को भी मजबूती प्रदान करता है. लस्सी पीने के बाद स्फूर्ति और ताजगी का अनुभव होता है.भारतीय घरों में बदहजमी जैसे रोगों के लिए नमकीन लस्सी का प्रयोग अक्सर ही किया जाता है.
लस्सी मुख्यत: तीन प्रकार की होती है – नमकिन, मीठी और मसाला लस्सी. मीठी लस्सी काफी भारी होता है. चुकि इसमें भरपूर मात्रा में ताज़े और गाढे दही के साथ शक्कर(चीनी) का प्रयोग होता है साथ ही इसमें एक परत मलाई और ड्राई फ्रूट का भी किया जाता है. वहीँ, नमकिन या यूँ कहें की नामक वाली लस्सी में भुना हुआ जीरा, काली मिर्च और पुदीना का भी प्रयोग किया जाता है. इसके अलावा भी और भी कई तरह से लस्सी बनाई जाती है जिसमें गुलाबजल, केसर, नींबू, आम, स्ट्रॉबेरी तथा अन्य फलों के रस और भांग भी मिलाया जाता है.सनातन परम्परा में होली के समय भारतीय घरों में भांग की लस्सी बनाई जाती है.