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विक्रमशिला के खंडहर : भागलपुर

विक्रमशिला के खंडहर बिहार के भागलपुर जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थल हैं। विक्रमशिला विश्वविद्यालय प्राचीन भारत के प्रसिद्ध शिक्षा केंद्रों में से एक था, जिसे पाल वंश के राजा धर्मपाल ने 8वीं-9वीं शताब्दी में स्थापित किया था। यह नालंदा विश्वविद्यालय के समकक्ष माना जाता है और बौद्ध शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र था।

विक्रमशिला विश्वविद्यालय की विशेषताएँ:

  1. शिक्षा का केंद्र: विक्रमशिला में बौद्ध धर्म, विशेष रूप से तंत्र, योग, और बौद्ध धर्म के अन्य पहलुओं की शिक्षा दी जाती थी। इसे पूरे एशिया में तंत्र शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र माना जाता था।
  2. वास्तुकला: विक्रमशिला के खंडहर में मुख्य स्तूप, मठ, व्याख्यान हॉल, पुस्तकालय, और कई छोटे स्तूपों के अवशेष पाए गए हैं। मुख्य स्तूप एक विशाल और शानदार संरचना है, जिसे ध्यान और पूजा के लिए उपयोग किया जाता था।
  3. पांडुलिपियाँ और ग्रंथ: विक्रमशिला में विद्वान बौद्ध भिक्षुओं द्वारा अनेक महत्वपूर्ण पांडुलिपियाँ और ग्रंथ लिखे गए थे। यहाँ के विद्वान कई देशों में गए और वहाँ शिक्षा का प्रचार-प्रसार किया।
  4. अवशेष: विक्रमशिला के खंडहरों में उत्खनन के दौरान कई महत्वपूर्ण अवशेष मिले हैं, जो इस विश्वविद्यालय की प्राचीन महत्ता को दर्शाते हैं। इनमें पत्थरों पर उकेरे गए भित्ति चित्र, मूर्तियाँ, और विभिन्न कलात्मक वस्त्र शामिल हैं।

वर्तमान स्थिति:

आज, विक्रमशिला के खंडहर एक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध हैं, जहाँ इतिहास और पुरातत्व में रुचि रखने वाले लोग आते हैं। हालांकि, यह स्थल अभी भी पुरातत्वविदों और इतिहासकारों के लिए अनुसंधान का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा इस स्थल का संरक्षण किया जा रहा है।

भागलपुर से कुछ दूरी पर स्थित विक्रमशिला का यह स्थल प्राचीन भारत के गौरवशाली अतीत की याद दिलाता है और यहाँ की ऐतिहासिक धरोहर को जीवित रखने के लिए इसे संरक्षित किया जा रहा है।

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