डोकलाम भारत,भूटान तथा चीन के सरहद पर स्थित है.यह भारत के पूर्वोतर राज्यों की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है,क्योकिं जलपाईगुड़ी के बहुत नजदीक में है. चीन हरेक हालत में भारत के प्रभाव को बढने नहीं देना चाहता है, इसीलिए उसने भारत के हितों के प्रतिकूल काम करता है. उसने की साड़ी समस्याएं पैदा कर दी है, तथा हमारे राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय कार्यों में दखल देता है, और अडचन पैदा करता है जैसे परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में हमारी सदस्यता का विरोध करता है.
पकिस्तान अधिकृत कश्मीर(पी.ओ.के) जो कि कश्मीर का ही अंग है जिनमे चीन की मदद से अरबो डॉलर का निवेश कर रहा है, वहन हमारे क्षेत्र में “वन वेल्ट वन रोड” का निर्माण कर रहा है. पकिश्तान,श्रीलंका,नेपाल व म्यंमार आदि पड़ोसीयों को भला-फुसला रहा है, इन देशो में पैसा लगाकर हमें चरों ओर से घेर रहा है. दक्षिन चीन सागर में जो भारतीय कंपनियां तेल की खोज में लगे हैं, उसका बिना ठोस कारण के विरोध कर रहा है.
समय-समय पर चीन की सेना भारतीय क्षेत्र में घुसकर अतिक्रमण कर रहा है. भारत के विरुद्ध में पकिस्तान को उकसा रहा है तथा पकिस्तान के द्वारा आतंकवादियों को भेजकर, भारत के विरुद्ध अघोसित युद्ध करने में मदद कर रहा है. यु.एन.ओ में पकिस्तान पोषित आतंकवादि को अंतराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने में लगातार विरोध करता है. सरकारी चीनी मीडिया भारत के विरुद्ध विष वमन करते रहता है. इस तरह डोकलाम को चीन और भूटान के बीच विवादित क्षेत्र बताकर भारत से युद्ध करने का स्वांग कर रहा है.
श्री कृष्ण चन्द्र राय (रिटायर बैंक अधिकारी)…