अनेक रोगों की एक दवा…

एक ऐसे पौधे के बारे में बात कर रहें हैं, जिसका पत्ता, फूल, फल और सब्जी के रूप में हमसभी प्राय: उपयोग करते हैं, उस पौधे का नाम पपीता है. इसे अंग्रेजी में पपाया (Papaya) कहते हैं, और इसका बोटेनिकल नाम केरिका पपाया (Carica Papaya) है, जो की कैरिकेसी परिवार का एक महत्त्वपूर्ण सदस्य है. पपीता कच्ची अवस्था में यह हरे रंग का होता है और पकने पर पीले रंग का हो जाता है. बताते चलें कि, भारत में पपीता आज से लगभग ३०० वर्ष पूर्व आया था. व्यवसाय के लिहाज से शीघ्र फलनेवाले फलों में पपीता अत्यंत उत्तम पौधा माना जाता है. इसका पौधा लगाने के बाद साल के अंदर ही फल देने लगता है. पपीता के पके व कच्चे फल दोनो उपयोगी होते हैं, लेकिन कच्चे पपीते की दूध से पपेन बनाया जाता है, जिसका सौन्दर्य व उद्योग जगत में व्यापक प्रयोग किया जाता है.
हमारे देश में पपीता सभी जगह पाया जाता है और यह बारहों महीने मिलता है. चुकिं, पपीता को सदाबहार फल कहा जाता है चुकिं, पपीते की मीठी सुगंध जो अपनी और आकर्षित करती है यह खाने में स्वादिष्ट होता है. पका हुआ पपीता मीठा, भारी गर्म खट्टा व स्वादिष्ट होता है. पपीते में कई महत्वपूर्ण विटामिन, एंटीओक्सिडेंट और एंजाइम जैसे:- विटामिन ए, बी , सी के साथ कुछ मात्रा में डी, इसके अलावा कैल्सियम और कैरोटिन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, साथ ही फास्फोरस, पोटेशियम, आयरन, कार्बोहाईड्रेट व प्रोटीन भी पाया जाता हैं. पपीता पेट के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है, इससे पाचन तंत्र ठीक रहता है साथ ही पेट के तीन प्रमुख रोग आम, वात और पित्त के लिए रामबाण दवा है. चुकिं पपीता में भरपूर मात्रा में विटामिन “ए” होता है, जो आँख और त्वचा के लिए उत्तम माना जाता है. पपीते का फल खाने से आँखों की रौशनी ठीक रहती है साथ ही त्वचा स्वस्थ और चमकदार होती है.
पपीते में कैल्शियम भी प्रचुर मात्रा में मिलता है, जो कि हड्डियों को मजबूत रखता है. पपीते में फाइबर और प्रोटीन मिलता है. इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी, कैंसररोधी व हीलिंग प्रोपर्टीज भी पाई जाती है. इसके नियमित सेवन से इम्यून सिस्टिम मजबूत होता है. बढ़ते बच्चों के बेहतर विकास के लिए जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पोषण देने के साथ साथ रोगों से लड़ने में भी मदद करता है. पपीते में फाइबर, विटामिन सी और एंटी ओक्सिडेंट प्रचर मात्र में मिलता है जो कि उच्च रक्तचाप और हृदय रोग में अत्यंत लाभकारी होता है. विटामिन सी, ई, बीटा कैरोटीन और एंटी ओक्सिडेंट प्रचुर मात्रा में मिलता है जो कि, झुरियां पड़ने से रोकता है, साथ ही इसमें फाइबर और कम मात्र में चीनी होने से यह डायबिटीज रोगियों को शुगर बढने नहीं देता है. इसके नियमित सेवन से मोटापा को नियंत्रित किया जा सकता है. पपीते के फूल, पत्ते व कच्चा पपीता खाने से “डेंगू” से बचा जा सकता है.
पपीता का उपयोग किसी भी रूप में किया जा सकता है, चाहे तो आप इसे कच्चा ही खा सकते हैं या फिर इसके जैम, जेली, शेक, हलवा, सब्जी, चटनी, पराठे और फल के रूप में प्रयोग कर सकते हैं साथ ही इसके फलों का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से चेहरा कांतिमय हो जाता है. चुकिं पपीता गुणों का खजाना है इसमें एक नही कई प्रकार के औषधीय गुण मौजूद हैं जो इसे अनमोल बनाते हैं.